अलवर.राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग कर रहे प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल हो चुके हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य एवं आउटडोर सेवाएं बंद हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीज परेशान हो रहे हैं. समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सरकारी अस्पतालों में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, सेना अस्पताल और आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टरों को तैनात किया गया है. सभी डॉक्टर मिलकर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में अलवर के अलावा भरतपुर, दौसा और हरियाणा से मरीज इलाज के लिए आते हैं. डॉक्टरों की चल रही हड़ताल के कारण हजारों मरीज परेशान हैं. ऐसे में 20 डॉक्टर लगाए गए हैं. भर्ती मरीजों की अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारी देखभाल कर रहे हैं. निजी अस्पताल पिछले 12 दिन से बंद हैं. अब सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. प्रशासन की ओर से मदद मांगने पर आर्मी हॉस्पिटल, ईएसआईसी कॉलेज और आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज व होम्योपैथ के डॉक्टर भी सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने में लगे हैं.
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पीएमओ डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि ईएसआईसी हॉस्पिटल, आयुर्वेदिक और मिलिट्री अस्पताल के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं सरकारी अस्पताल में दे रहे हैं. ओपीडी में आने वाले मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है. डॉक्टरों के सामूहिक कार्य बहिष्कार के हालातों से निपटने के लिए अलवर जिला प्रशासन ने सेना, रेलवे भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के साथ ही एसएसबी मौजपुर इटाराना छावनी हॉस्पिटल और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को अस्पताल की आउटडोर देखने के लिए पत्र लिखा था. ऐसे में अब वे भी डॉक्टर अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं.