राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

अलवर में दस्तावेजों के अभाव में स्कूल की दहलीज से दूर बच्चे, श्रम मंत्री बोले- शिक्षा से जोड़ेंगे - अलवर स्कूल

एक तरफ प्रदेश में सरकार व सरकारी विभाग सभी बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर अलवर में रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी में रहने वाले 70 से 80 बच्चे स्कूल में प्रवेश के लिए 2 साल से चक्कर लगा रहे हैं. इसके बावजूद सरकारी स्कूल में बिना दस्तावेज के उनको प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में ये बच्चे चाह कर भी स्कूल में अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

दस्तावेजों के अभाव में स्कूल से दूर है कई बच्चे

By

Published : Jul 2, 2019, 8:41 PM IST

अलवर. स्कूलों से दूर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार कई कार्यक्रम चलाती है. इसके लिए सर्वे सहित कई कार्ययोजना भी तैयार की गई, लेकिन अलवर में एक अलग तरह का मामला सामने आया है. दरअसल, यहां अलवर के रेलवे स्टेशन के पास कच्ची झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले करीब 70 से 80 बच्चे स्कूल में प्रवेश के लिए भटक रहे हैं.

दस्तावेजों के अभाव में स्कूल से दूर है कई बच्चे

बचपन बचाओ, आप साथ दो अभियान के तहत समिति के युवाओं ने पहल करते हुए बीते साल झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया था. करीब एक साल तक झुग्गी झोपड़ियों में शिविर लगाकर युवाओं ने बच्चों को निशुल्क पढ़ाई की. लेकिन बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए बीते साल युवाओं ने उनको सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलवाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण उनका स्कूल में प्रवेश नहीं हो सका है.

इस साल भी स्कूल में प्रवेश के लिए झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले 70 से 80 बच्चे स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनको स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पाया है. स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि बच्चों के डॉक्यूमेंट जमा कराने के बाद उनको प्रवेश दे दिया जाएगा.

वहीं अभियान संस्था के युवाओं का कहना है कि सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए कोई दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन उसके बाद भी स्कूल प्रशासन बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहा है. वहीं इस संबंध में श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.

उनका कहना रहा कि अगर किसी बच्चे के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो उसकी भी दस्तावेजों के अभाव में प्रवेश प्रक्रिया नहीं रुकनी चाहिए. पढ़ाई करने का अधिकार सभी का है. उन्हें पढ़ाने की व्यवस्था कराई जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details