अलवर.दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर सफरकरने वाले हजारों लोगों के लिए राहत भरी खबर है. एक्सप्रेस वे पर मध्य प्रदेश जोन में 244 किमी लंबे हिस्से का काम लगभग पूरा हो चुका है. फिलहाल फाइनल टच देने का काम चल रहा है. ऐसे में जुलाई माह के अंत या अगस्त माह में मध्य प्रदेश के हिस्से को आम लोगों के लिए खोला जा सकता है. इससे मध्य प्रदेश के उज्जैन, सतना सहित विभिन्न शहरों में आना-जाना आसान होगा.
4 राज्यों को जोड़ रहा हाईवे : एनएचएआई के अनुसार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर 246 किलोमीटर लंबे सोहना-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन 12 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसे 12,150 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है. एक्सप्रेस वे के शुरू होने के बाद दिल्ली-जयपुर के बीच की दूरी पांच घंटे से घटकर महज 3.5 घंटे रह गई है. एक्सप्रेस वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को जोड़ रहा है. मध्य प्रदेश में 244 किलोमीटर के हिस्से पर काम लगभग पूरा हो गया है, केवल फिनिशिंग वर्क बाकी है. एक्सप्रेसवे के 9 पैकेजों में से 8 पर काम पूरा हो चुका है. एनएचएआई के अनुसार मध्य प्रदेश में काम पूरा करने की निर्धारित तिथि 30 अप्रैल थी, जिसे पूरा होने में कुछ और समय लग सकता है.
40 मिलियन पेड़ लगाने जितना फायदा :एक्सप्रेस वे मध्यप्रदेश के उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम और झाबुआ जिलों को कवर कर रहा है. एक्सप्रेस वे से दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अलवर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत सहित आर्थिक शहरों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा. एक्सप्रेस वे के पूरी तरह से शुरू होने के बाद हाईवे से 320 मिलियन लीटर से अधिक की वार्षिक ईंधन की बचत होगी. साथ ही CO2 उत्सर्जन में 850 मिलियन किलोग्राम की कमी आएगी, जो 40 मिलियन पेड़ लगाने के बराबर है.