अलवर.मेवात ऑनलाइन ठगी का अड्डा बन चुका है. देशभर की पुलिस जांच पड़ताल के लिए अलवर पहुंच रही है. अलवर में गांव के गांव ऑनलाइन ठगी के काम में लगे हुए हैं. देश में ऑनलाइन ठगी के मामलों में अभी तक जामताड़ा बदनाम था, लेकिन अब मेवात में जामताड़ा से भी ज्यादा मामले आने लगे (Cyber fraud cases increased in Mewat) हैं.
झारखंड का जामताड़ा सायबर ठगी के लिए देशभर में बदनाम है. लेकिन अब मेवात भी नया जामताड़ा बन चुका है. देश में साइबर फ्रॉड के 70 प्रतिशत मामले मेवात के ठग अंजाम दे रहे हैं. मेवात तीन राज्यों के बॉर्डर का इलाका है. इसमें हरियाणा का नूंह, यूपी का मथुरा और राजस्थान का भरतपुर, अलवर और भिवाड़ी शामिल है. मेवात से हर तरह की ठगी हो रही है. पुलिस की जांच में पता चला है कि अनपढ़ या 10वीं फेल युवा कॉल सेंटर वालों की तरह अंग्रेजी की लाइन बाेलकर हर दिन 300 से ज्यादा लोगों को ठग रहे हैं. इस हिसाब से 3 शहरों के 150 गांवों में 8 हजार साइबर ठग रोज दो करोड़ रुपए की ठगी कर रहे हैं.
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गृह मंत्रालय की तरफ से ज्वाइंट कमीशन इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इस टीम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रमुख अधिकारी जुड़े हुए हैं. मेवात क्षेत्र में होने वाली पुलिस की कार्रवाई को इन ग्रुपों में डाला जाता है. उसके बाद देश के सभी राज्यों की पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करती है और अपने यहां दर्ज एफआईआर में बदमाशों को रिमांड वारंट पर लेकर जांच पड़ताल करती है. दूसरे राज्यों की पुलिस अलवर के आसपास क्षेत्र में दबिश भी दे रही है. इस काम में अलवर पुलिस की तरफ से सहयोग किया जाता है. साथ ही ठगों को पकड़ने का काम चल रहा है.