अलवर.बाघ के बाद अब मगरमच्छ भी अलवर की पहचान बन रहे हैं. अलवर में कई छोटी-बड़ी झील व तालाब हैं. जिनमें मगरमच्छ रहते हैं. सर्दी के मौसम में धूप का आनंद लेने के लिए मगरमच्छ पानी से बाहर आते हैं. मगरमच्छों को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक आने लगे हैं. तो मगरमच्छों की साइटिंग से पर्यटक व लोग खासे खुश नजर आ रहे हैं.
जिले के सिलीसेढ़ झील में इन दिनों सर्दियों में धूप सेकने के लिए बड़ी संख्या में मगरमच्छ झील से बाहर निकल रहे हैं. जिन्हें देखने के लिए अलवर सहित आसपास के क्षेत्रों से पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. यहां के स्थानीय निवासी आशु ने बताया कि इस झील में करीब एक हजार से ज्यादा मगरमच्छ हैं. जो अक्सर धूप सेकने के लिए बाहर निकल आते हैं. इन्हें देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच जाते हैं. मीठे पानी की इस झील का निर्माण महाराज विनय सिंह ने सन 1845 में शहर में करवाया था. पहाड़ों से घिरी इस खूबसूरत झील के किनारे पर महाराज विनय सिंह ने अपनी पत्नी के लिए 6 मंजिला शाही महल का निर्माण करवाया था.