अलवर.अलवर-जयपुर सड़क मार्ग सरिस्का के बीच से होकर गुजरता है. जिसके चलते आए दिन सड़क मार्ग पर वन्यजीवों के साथ हादसे की घटनाएं और सरिस्का के जंगलों में शिकार के मामले भी देखने को मिलते हैं. ऐसे में सरिस्का सड़क मार्ग पर लंबे समय से एलिवेटेड रोड बनाने की मांग उठ रही थी. इसको लेकर सरिस्का प्रशासन ने एनटीसीए को एक प्रस्ताव भी भेजा है. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से बातचीत करते हुए रिजर्व में सुधार को लेकर सुझाव मांगे हैं.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाघों के संरक्षण को लेकर (CM Gehlot on Sariska Tiger Reserve) गंभीर है. सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. सरकार की तरफ से 'प्रोजेक्ट टाईगर और 'ईको-टूरिज्म' नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते रणथम्भौर में दुनियाभर से पर्यटकों का आगमन हो रहा है. गहलोत ने इसी तर्ज पर सरिस्का बाघ परियोजना के लिए भी मास्टर प्लान तैयार करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
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मुख्यमंत्री निवास पर रणथम्भौर, सरिस्का और मुकुन्दरा बाघ परियोजना के प्रबंधन और बाघों के संरक्षण के संबंध में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि सरिस्का में 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है. जिसके चलते यहां वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद सरिस्का को लेकर उम्मीदें जगी हैं. सरिस्का के अधिकारियों की मानें तो एलिवेटेड रोड बनने से सरिस्का को नया जीवन मिलेगा.
अंडरग्राउंड सुरंग का भी रखा प्रस्ताव:सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि भर्तहरि और पांडुपोल (Elevated road to be constructed in Sariska) हनुमान मंदिर सरिस्का के जंगल क्षेत्र में है. शनिवार और मंगलवार को यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं. लोगों के आने जाने से वन्यजीवों को खासी परेशानी होती है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से भर्तहरि और पांडुपोल में आने जाने के लिए सुरंग और अंडरपास का प्रस्ताव भी प्रदेश सरकार के सामने रखा गया है.