अलवर.जिले में सर्राफा व्यापारियों के साथ बड़ी ठगी का मामला सामने आया है. सालों से व्यापारियों के जेवरात बनाने वाला एक कारीगर 25 से 30 लाख रुपए के जेवरात व पैसे लेकर फरार हो (Cheating with Bullion traders jewelry in Alwar) गया. शुरुआत में एक दो व्यापारियों के साथ ठगी का मामला सामने आया. लेकिन घटना की जानकारी मिलने के बाद अन्य व्यापारियों ने भी कहा कि उनके साथ भी कार्य करने के दौरान ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है. व्यापारियों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है. कारीगर ने व्यापारियों का विश्वास जीतकर घटना को अंजाम दिया.
अलवर के सर्राफा व्यापारी राजेश कुमार सोनी निवासी हरदेव विहार लाल डिग्गी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बजाजा बाजार में श्रीराम ज्वेलर्स के नाम से दुकान है. वह सोने चांदी के गहने व आभूषण बेचने व बनाने का काम करता है. उसके पास हकीम जी की गली में बंगाली कारीगर कृष्ण प्रमाणिक काम करता था. कृष्णा गौरहाटी हुगली पश्चिम बंगाल हाल किराएदार मोहल्ला तिवारी का कुआं में रहता था. वो कई सालों से दुकानदारों से सोना लेकर उसके जेवर बनाने का कार्य करता था. बीते दिन मालूम चला की वो करीब 150 ग्राम सोना जिसकी अनुमानित कीमत करीब 7 लाख 50 हजार के आसपास है, वो लेकर फरार हो गया.
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उसके साथी विकास पटेल ने बताया कि कृष्ण दिल्ली गया हुआ है. दूसरे दिन विकास पटेल भी गायब हो गया. दोनों ने हकीमजी की गली में किराए की दुकान ले रखी थी. दोनों उसमें जेवरात बनाने का काम करते थे. यह कारीगर सर्राफा व्यापारियों से सोना लेकर डिमांड के अनुसार जेवरात बनाते थे. पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद अलवर के कई अन्य सराफा व्यापारियों को भी पूरे मामले की जानकारी मिली. उसके बाद उन्होंने भी ठगी की सूचना पुलिस को दी. अलवर में आधा दर्जन से ज्यादा व्यापारियों से लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आ चुका है. लगातार व्यापारियों की संख्या बढ़ रही है.
इसके अलावा बीके ज्वेलर्स के विष्णु सोनी ने बताया की कृष्ण करीब 25 ग्राम सोना व 15 हजार नकद सहित करीब डेढ़ लाख, बंबोली ज्वेलर्स के दीपक सोनी ने का 100 ग्राम सोना व एक लाख नगद सहित करीब 6 लाख 20 हजार रुपए लेकर फरार हो गया. इसी प्रकार जितेंद्र ज्वेलर्स के जितेंद्र सोनी का 32 ग्राम सोना व कुछ चांदी के सामान सहित करीब 4 लाख व विश्वजीत का 125 ग्राम सोने आभूषण सहित करीब 6 लाख रुपए का लेकर फरार हो गया. सुनील ने बताया कि कृष्ण को 9 साल पहले दिल्ली करोल बाग स्थित रिश्तेदार पंकज के पास से अलवर काम करने के लिए लाया था.
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जिसने 1 साल तक काम किया फिर अलग दुकान करके काम करने लगा. कृष्ण प्रमाणित वेस्ट बंगाल के हुगली का रहने वाला है. पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं व्यापारियों ने पुलिस से अलवर में काम करने वाले सभी बंगाली कारीगरों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की भी मांग की है. जिससे आने वाले समय में फिर से इस तरह की कोई घटना नहीं हो सके.