बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर के हरसोरा में रविवार को पुलिस की बेरुखी देखने को मिली. ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस ने एक शव को पोस्टमार्टम के बाद 6 घंटे तक राजीव गांधी सेवा केन्द्र के गेट पर ही रखे रखा. मामले का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस सफाई देते नजर आई. मामले ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार किया है.
मोर्चरी की बजाए पंचायत भवन के गेट रखा शव
जिले के हरसौरा थाना पुलिस की ओर से शव की बेकद्री करने का मामला सामने आया है. मृतका का पोस्टमार्टम करवाने के बाद ग्राम पंचायत के गेट के बाहर बर्फ पर खुले में ही पुलिस ने शव रख दिया. पुलिस ने ग्रामीणों के विरोध के डर से शव को अस्पताल की मोर्चरी में नहीं रखने के बजाय बाबरिया गांव के राजीव गांधी भारत निर्माण केंद्र के भवन के ही गेट पर लावारिस की तरह रख दिया था. करीब 6 घंटे से अधिक समय तक शव खुले में पड़ा रहा.
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महिला ने पीहर में कर लिया था सुसाइड
हरसौरा थानां के अंतर्गत गांव खटोटी निवासी विवाहिता ने अपने पीहर समरपुरा में खुदखुशी कर ली थी. मृतका अंजू बाई की शादी मनोज मीना निवासी खटोटि से हुई थी. हरसौरा पुलिस के अनुसार मंजू मीणा करीब डेढ़ माह से पीहर गई हुई थी जिसने बीती रात पंखे से लटकर फांसी लगा ली. इसकी सूचना ससुराल पक्ष को दी गई तो वे पीहर पहुंचे लेकिन इससे पूर्व मृतका को इलाज के लिए चौमू स्थित अस्पताल ले जाया गया.
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पुलिस की मौजूदगी में रखा रहा शव
वहां महिला को मृत घोषित करने के बाद शव CHC ले जाया गया. वहां पोस्टमार्टम करवा शव ससुराल पक्ष को सौंप दिया गया. रात होने की वजह से मृतका के शव को बाबरिया गांव स्थित राजीव गांधी भारत निर्माण सेवा केंद्र पर रखा गया. सवाल यह है कि जब मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया गया था तो उसे ग्राम पंचायत के गेट के सामने क्यों रखा गया जबकि पुलिस वहां मौजूद थी.
इस मामले में हरसोरा थाना अधिकारी सत्यनारायण सिंह ने बताया कि गांव बाबरिया से सूचना मिली थी कि सड़क पर काफी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो रही है. सूचना पर मौके पर लोग पहुंचे तो वहां शव को ग्राम पंचायत भवन के गेट पर रखा गया. जब ग्रामीणों को मृतका के शव को घर ले जाने के लिए कहा गया तो वे नहीं माने और मृतका के पिता के आने का इंतजार करने लगे, तब तक पुलिस भी वहां मौजूद थी. तथा मृतका के पिता के आने के बाद ही मृतका के शव को ग्राम पंचायत के गेट से हटाया गया.