अलवर. शहर में पानी की समस्या बरकरार है. जहां पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. ऐसे में वाटर रिचार्ज सिस्टम बेहतर नहीं होने के कारण हर साल बारिश होने पर भी भूमिगत जल का संरक्षण भी नहीं हो पाता. लगातार ट्यूबवेल खराब हो रहे हैं, उनमें पानी का स्तर नीचे गिर रहा है.
बिगड़ते हालातों को देखते हुए कई बार चंबल से पानी लाने की योजना बनाई, तो कुछ सरकारों ने यमुना और अन्य बांधों से अलवर में पानी लाने की योजना बनाई. लेकिन आज तक एक भी मूर्त रूप नहीं ले सकी. सभी योजनाएं केवल फाइलों में अटकी हुई है. अकेले अलवर शहर में गर्मी के मौसम के दौरान पानी की डिमांड 90 से 100 एमएलडी के आस पास रहती है. जबकि जलदाय विभाग महज 50 से 60 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पाता है. ऐसे में हालात खराब हो रहे हैं. शहर में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी सप्लाई होता है. कुछ जगह तो 2 से 3 दिन में एक बार पानी आता है. शहर की कृषि कॉलोनी और मोहल्लों में तो हालात और ज्यादा खराब हैं. पानी के लिए रोज जाम लगते हैं, महिलाएं मटकी फोड़ती हैं लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.