मुण्डावर (अलवर).उपखंड के गांव चिरुणी में समाजसेवी वैद्य बालकिशन जोशी और शिक्षाविद डॉ. धर्मराज शर्मा के द्वारा सोशल डिस्टेंन्सिंग की पालन करते हुए पक्षियों के लिए परिंडे लगाए गए. साथ ही समय-समय पर इनकी सार-संभाल का संकल्प भी लिया गया.
इस अवसर पर बाल किशन जोशी ने कहा कि पशु-पक्षियों की सेवा करना मानव का पुनीत कर्त्तव्य है. भारतीय संस्कृति में मानव और पशु-पक्षियों के सम्बन्ध का काफी महत्व रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में पशु-पक्षियों की सेवा का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
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शिक्षाविद धर्मराज शर्मा ने मानव जीवन में पशु-पक्षियों की सेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मूक प्राणियों की सेवा और संरक्षण का भारतीय संस्कृति में विशेष उल्लेख किया गया है.
वैश्विक महामारी के चलते जब सम्पूर्ण विश्व में आपातकाल पसरा हुआ है. ऐसे में इनकी देखभाल करना अति आवश्यक हो जाता है. गांव के करतार सिंह जाट और शिक्षाविद भगवान शर्मा ने बताया कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए यह परम आवश्यक हो जाता है कि पशु-पक्षियों की सेवार्थ इस प्रकार के कार्यों पर यथोचित ध्यान केंद्रित करें.
बेजुबान पक्षियों के लिए लगाए परिण्डे इधर, कस्बे के नजदीकी गांव मुण्डनवाडा के खुर्द में एक वृद्ध दंपत्ति ने भी कोरोना संक्रमण में मूक पक्षियों के लिए परिंडे बांधे. कोरोना महामारी से फैल रहे संक्रमण के बीच वसुदेव कुटुंबकम का धर्म निभाते हुए 85 वर्ष के वृद्ध राजस्थान पुलिस के रिटायर्ड थानेदार बिहारी लाल और उनकी पत्नी शांति देवी ने अपने पोत्रों के साथ परिंडे बांधे.
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साथ ही अपने पोत्र मनीष यादव, जितेंद्र नर्सिंग अधिकारी, सचिन इंजीनियर, विकास को नियमित रूप से पानी भरने, दाना डालने की जिम्मेदारी दी. क्षेत्र में पड़ रही गर्मी में गौशाला, साबी नदी और गांव के हनुमान मंदिर में 10 दिन में और परिण्डे बांधने की बात कही.