भिवाड़ी. दिल्ली एनसीआर एवं भिवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार की तरफ से औद्योगिक इकाइयों पर लगातार सख्ती बरती जा रही है. बहुत सी इकाइयों के चालान काटकर उन्हें बंद करने की कार्रवाई भी की जा रही है. इसी को लेकर सोमवार को भिवाड़ी के उद्योगपतियों ने बीडा (Bhiwadi Integrated Development Authority) सीईओ रोहताश सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा.
बताया जा रहा है कि भिवाड़ी के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली 136 कंपनियों पर गाज गिरने वाली है. प्रशासन की इस कार्यवाही से भिवाड़ी के उद्योगपति खासे नाराज हैं. सोमवार को बड़ी संख्या में भिवाड़ी के उद्योगपतियों ने बीडा सीईओ रोहताश सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उद्योगपतियों ने बीड़ा सीईओ को बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की वजह भिवाड़ी की औद्योगिक इकाइयां नहीं हैं.
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उनका कहना है कि भिवाड़ी की उद्योग इकाइयों पर प्रशासन गलत एवं मनमाने तरीके से कार्यवाही कर रहा है. इस तरह औद्योगिक इकाइयां बंद होने से बेरोजगारी बढ़ेगी. साथ ही क्षेत्र के विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उद्योगपतियों ने बताया कि भिवाड़ी में उद्योग इकाइयों से ज्यादा प्रदूषण सड़क पर उड़ती धूल एवं निर्माण कार्यों से हो रहा है. इन पर रोक लगाई जानी आवश्यक है. उद्योगपतियों ने 1 जनवरी को भिवाड़ी में वाले इंडस्ट्रियल एक्सपो समिट का भी पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
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उद्योगपतियों ने आरोप लगाया कि भिवाड़ी के पड़ोसी राज्य हरियाणा के धारूहेड़ा औद्योगिक एरिया में सभी प्रकार की औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं. उन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. बीडा सीईओ ने बताया कि उद्योगपतियों की मांग सही फोरम तक पहुंचा दी जाएगी. उद्योगपतियों को भी अपनी समस्या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखनी चाहिए. प्रशासन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही औद्योगिक इकाइयों पर कार्यवाही की जा रही है एवं आगे भी जारी रहेगी.