बहरोड़. राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर इलाके के 43 गांवों के लोगों ने महापंचायत कर रविवार को शाहजहांपुर में हाईवे से किसानों को हटाने का फैसला किया है. महापंचायत में रविवार को फिर से महापंचायत बुलाने और उसी दिन किसानों से हाईवे खाली कराने का निर्णय लिया गया है.
ग्रामीणों ने की महापंचायत शाहजहांपुर के पास जयसिंहपुरा में शुक्रवार को हुई इस महापंचायत में राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर इलाके के 43 गांवों के ग्रामीण शामिल हुए. इस महापंचायत में किसान आंदोलनकारियों से हाईवे खाली करवाने पर फैसला लिया गया है. महापंचायत में इस बात पर चर्चा की गई कि हाईवे किस तरह से खाली कराया जाए. अब रविवार को फिर से महापंचायत बुलाई गई है और उसी दिन हाईवे भी खाली कराए जाने पर सहमति बनी है.
महापंचायत में शामिल गांवों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस बारे में पहले हरियाणा और राजस्थान दोनों सरकारों से किसानों से हाईवे खाली करवाने की बात की जाएगी. अगर वह हाईवे खाली करवाते हैं तो ठीक है अन्यथा वे खुद हाईवे को खाली करवाएंगे. महापंचायत के इस फैसले के बाद शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों और ग्रामीणों में टकराव होने की आशंका जताई जा रही है. किसान आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक वहां बड़ी संख्या में राजस्थान और हरियाणा के किसान जमा हैं.
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महापंचायत में तिरंगे के अपमान के मसले पर ग्रामीण काफी गुस्से में दिखायी दिए हैं. महापंचायत में तिरंगा लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने वहां भारत माता की जय के नारे लगाए. ग्रामीणों का आरोप है कि शाहजहांपुर में हाईवे बंद होने से उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों ने एक कमेटी भी बनाई है. यह कमेटी रविवार से पहले हरियाणा और राजस्थान सरकार से भी बात कर हाईवे खुलवाने के लिए कहेगी. ग्रामीणों का आरोप है कि आंदोलन में राजस्थान और हरियाणा के किसान न के बराबर हैं और वहां अधिकतर बाहरी लोग जमा हैं. ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों के मकसद पर भी सवाल उठाया है.