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गोविंदगढ़ में एंबुलेंस कर्मी के साथ पुलिसकर्मी ने की मारपीट, वीडियो हुआ वायरल

अलवर के रामगढ़ में एक एंबुलेंस कर्मी के साथ पुलिस द्वारा मारपीट का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद मामले की जांच कर रहे इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर श्यामलाल मीना ने कहा कि किन कारणों के चलते यह लड़ाई एंबुलेंस कर्मी और पुलिस स्टाफ के बीच हुई इसकी जांच होना बकाया है. जो भी जांच में तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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वीडियो हुआ वायरल

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Published : May 11, 2020, 9:36 PM IST

रामगढ़ (अलवर).जिले के गोविंदगढ़ पुलिस का एक एंबुलेंस कर्मी के साथ पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है. जिसके बाद एंबुलेंस कर्मी के पक्ष में सोशल मीडिया में लगातार इस पोस्ट को शेयर किया जा रहा है और पुलिस के एएसआई की लोग कड़े शब्दों में निंदा कर रहे हैं. वहीं यह वीडियो सोमवार से 3 दिन पहले का बताया जा रहा है.

जब सीकरी कस्बे की 108 एंबुलेंस पर कार्यरत ड्राइवर एक मरीज को खखावली छोड़कर गोविंदगढ़ के रास्ते से वापस अपनी लोकेशन सीकरी लौट रहा था, तभी गोविंदगढ़ के सेमला रोड पर लगे पुलिस के नाके पर पुलिस के एएसआई इसराइल खान ने एंबुलेंस को रोक लिया और भरतपुर नंबर की एंबुलेंस का हवाला देकर उसे वापस जाने की जिद करने लगा.

एंबुलेंस कर्मी के साथ पुलिसकर्मी ने की मारपीट

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तभी एंबुलेंस कर्मी के सामने से हरियाणा नंबर की मोटरसाइकिल गुजर रही थी, एंबुलेंस कर्मी रविकांत शर्मा ने पुलिस से मोटरसाइकिल के बारे में बात की तो पुलिस ने उल्टा एंबुलेंस कर्मी के साथ ही मारपीट कर दी और यह कहा कि आप कोई हमारे अधिकारी थोड़ी लगते हैं, जिसे हम चाहेंगे उसे जाने देंगे और जिसे रोकना होगा उसे रोक देंगे.

इस मामले को लेकर एंबुलेंस कर्मी रविकांत शर्मा ने गोविंदगढ़ थाने में आकर उस दौरान ड्यूटी पर तैनात एएसआई इसराइल खान के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी, लेकिन वीडियो वायरल होने से पहले तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया. जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.

वही एंबुलेंस कर्मी रविकांत शर्मा का कहना है कि जब इस कोरोना जैसी महामारी में फ्रंट पर लड़ाई लड़ रहे एंबुलेंस कर्मियों को ही पुलिस की ऐसे भद्दे व्यवहार का शिकार होना पड़ेगा तो कैसे इस महामारी से पार पाया जाएगा. पुलिस भी हर मोर्चे पर इस लड़ाई में एक वॉरियर की तरह कार्य कर रही है लेकिन किसी एक पुलिसकर्मी के रवैए के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम होना पड़ता है. जिसके बाद पुलिस की वर्दी सवालों के घेरे में आ जाती है.

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वहीं मामले की जांच कर रहे इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर श्यामलाल मीना से इस मामले में बात की तो उन्होंने कहा कि यह वाक्य 3 दिन पहले का है. जब एक एंबुलेंस कर्मी को जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार भरतपुर की गाड़ियों को रोकने के आदेश के तहत उसकी गाड़ी को रोक लिया गया. लेकिन अब किन कारणों के चलते यह लड़ाई एंबुलेंस कर्मी और पुलिस स्टाफ के बीच हुई इसकी जांच होना बकाया है. जो भी जांच में तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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