अलवर. 18 साल से कम उम्र के अपचारियों को बाल संप्रेषण गृह में रखा जाता है. बाल अपचारियों के जीवन में एक रोशनी की किरण नजर आई है. सलाखों के पीछे अब बाल अपचारी आईटीआई की पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ पेंटिंग व क्राफ्ट के काम में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. जिससे सजा पूरी होने के बाद वो समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें.
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संप्रेषण गृह में रह रहें हैं 17 बाल अपचारीः अलवर के हसन खां मेवात नगर में राजकीय संप्रेक्षण गृह में 18 वर्ष से कम उम्र के बाल अपचारी को रखा जाता है. 18 उम्र के बाद उनको जयपुर शिफ्ट कर दिया जाता है. 18 वर्ष से कम उम्र के इस समय 17 बाल अपचारी बाल संप्रेषण गृह में रहते हैं. सजा पूरी होने के बाद अभी तक बाल अपचारी अपराध के रास्ते को चुनते थे, तो कुछ जीवन की राह में भटक जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अलवर के बाल संप्रेषण ग्रह में बाल अपचारी पढ़ाई कर रहे है. बाल संप्रेषण गृह के अधीक्षक संजय वर्मा ने बताया कि राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में रहने वाले 17 में से 9 संघर्षरत बालक शिक्षा ले रहे हैं. इस साल आठवीं के 2, दसवीं के 2, बारहवीं के 3, एक आईटीआई व एक बालक ने नीट की परीक्षा दी है. यहां पर समय-समय पर मेडिकल जांच के लिए चिकित्सक भी आते हैं.