अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल और सेटेलाइट अस्पताल में पिछले 3 माह से बंद पड़ी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर विशेष जांच की सुविधाएं शुरू हो चुकी है.
3 माह से बंद पीपीपी मोड की विशेष जांच हुई शुरू दअरसल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कृष्णा डायग्नोसिस सेंटर को अलवर सहित प्रदेश भर में जांच की जिम्मेदारी मिली थी. टेंडर समाप्त होने के बाद नए टेंडर होने में समय लग रहा था. इस बार नया टेंडर 2 साल के लिए किया गया है. इसमें 40 तरह की जांच मरीजों की निःशुल्क हो सकेंगी. इन जांच के शुरू होने से मरीजों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. लेकिन बीते साल कृष्णा डायग्नोसिस सेंटर पर जांच में गड़बड़ी सहित कई गंभीर आरोप लग रहे थे. क्योंकि नियम के हिसाब से 24 घंटे में जांच रिपोर्ट उपलब्ध करानी थी. लेकिन उसके बाद भी मरीज जांच रिपोर्ट के लिए तीन-तीन दिन तक परेशान हो रहे थे.
पढ़ेंःअलवरः किशनगढ़ में प्रिंसिपल के ट्रांसफर से नाराज बच्चों ने स्कूल गेट पर की तालाबंदी
नियम के हिसाब से 22 तरह की ऐसी जांच हैं, जिनकी रिपोर्ट 24 घंटे में देनी होती है. जबकि आईएचसी की जांच 15 दिन में मिलेगी. बायोप्सी की जांच 8 दिन में मिलेगी, तो वहीं बोनमैरो स्पीयर एग्जाम इन की जांच रिपोर्ट 3 से 5 दिन में मरीज को मिल पाएगी. इसी तरह से डब्ल्यूबीसी साइट्रो केमिस्ट्री की रिपोर्ट 8 से 10 दिनों में मिलेगी वहीं 6 जांच की रिपोर्ट 2 से 3 दिन में और 9 जांच की रिपोर्ट 1 से 2 दिन में मिलेगी. हालांकि इस बार कई जांचों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. स्वाइन फ्लू जैसी जरूरी जांच को इन जाचों से हटा दिया गया है.
पढ़ेंःबहरोड़ की कॉटन कंपनी में लगी भीषण आग
ऐसे में देखना होगा कि मरीजों को इस बार कितनी राहत मिलती है या बीते बार की तरह मरीज इस बार भी जांच रिपोर्ट के लिए परेशान होते हैं. अलवर में इस लैब का सामान्य अस्पताल में केवल एक कलेक्शन सेंटर है. जांच के लिए सैंपल भरतपुर और जयपुर जाते हैं. इसलिए उनकी गुणवत्ता और रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े रहते हैं. ऐसे में देखना होगा कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता है या उनको बेहतर जांच रिपोर्ट मिलती है.