अलवर. जिले के मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने विरोध कर रहे युवक करण सिंह गुर्जर ने खुद (Alwar Self Immolation Case) को आग लगा ली थी. शनिवार को इलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह ने (victim Karan Singh big statement before death) बड़ा बयान दिया है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में करण सिंह ने कहा कि विरोध के दौरान एसडीएम ने ही उन्हें आग लगाई थी और जलते समय मुझपर लात मारी गई थी.
अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के नटनी का बारा के पास चांदपहाड़ी गांव में 15 बीघा सरकारी जमीन को पंचायत ने कन्हैया लाल को अलॉट की थी, लेकिन उस जमीन पर गांव के मंतूराम का कब्जा था. कन्हैयालाल कई बार कब्जा लेने के लिए पहुंचा लेकिन मंगतूराम ने उसे कब्जा नहीं लेने दिया. इस पर यह मामला न्यायालय में पहुंच गया. न्यायालय में कई साल मामला चला जिसके बाद न्यायालय ने कन्हैया लाल के पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस और प्रशासन को जमीन से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए. इस पर बीते सोमवार को मालाखेड़ा एसडीएम और थाने की पुलिस जमीन से अतिक्रमण हटवाने पहुंची. इसके विरोध में मंतूराम के बेटे करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग लगा ली. इसपर पुलिस और प्रशासन की टीम में हड़कंप मच गया.
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तहसीलदार और एसडीएम ने ही मंगवाया था तेल
झुलसे व्यक्ति पर तुरंत कपड़ा और मिट्टी डालकर उसके शरीर पर लगी आग बुझाई गई. इस दौरान वह करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा जल गया था. इलाज के लिए प्रशासनिक टीम ने उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज कर रही थी. हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लिए रेफर किया गया. शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह का एक बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि तहसीलदार और एसडीएम ने तेल मंगवाया. उसके बाद एसडीएम ने तेल डाला और तहसीलदार ने मुझे पकड़ा था. उसके बाद एसडीएम ने ही आग लगाई थी. जब मैं जल रहा था तो मुझे बचाने की जगह इंस्पेक्टर राजेश ने मुझे लात मारी.