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Alwar Chinese Oranges : बिना छीले खाए जाते हैं ये ऑरेंज, स्वाद में फिर भी होते हैं मीठे - ETV Bharat Rajasthan news

ऑरेंज तो आप सबने जरूर खाया होगा. आज हम आपको बताएंगे अलवर के चाइनीज ऑरेंज के (Oranges can be eaten without peeling) बारे में, जिसे छिलके के साथ खाया जाता है. छिलके के साथ ही ये स्वाद में मीठे लगते हैं. पढ़िए ये खास रिपोर्ट

Alwar Chinese Orange
अलवर के चाइनीज ऑरेंज

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Published : Apr 5, 2023, 7:58 PM IST

बिना छीले खाए जाते हैं ये ऑरेंज

अलवर.गर्मी के मौसम में बाजार में ऑरेंज की भरमार रहती है. बच्चे, बड़े व बुजुर्ग सभी इसको पसंद करते हैं. कुछ लोग इसे छीलकर खाते हैं, तो कुछ जूस बनाकर पीना पसंद करते हैं. हालांकि अगर आपसे कहा जाए कि ऑरेंज बिना छीले खा सकते हैं तो आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा और आपके जहन के छिलके का कड़वापन आएगा. अलवर के चाइनीज ऑरेंज की यही खासियत है कि इसे छिलके के साथ ही खाया जाता है, क्योंकि छिलके के साथ ही ये स्वाद में मीठे लगते हैं.

एक पौधे से की शुरुआत, आज पूरा बाग: अलवर शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर बड़ौदामेव गांव में चाइनीज ऑरेंज की खासी डिमांड है. 5 साल पहले टेक्सटाइल इंजीनियर शरद शर्मा ने अपने गांव के खेत में चाइनीज ऑरेंज का एक पौधा लगाया था. करीब 5 साल बाद चाइनीज ऑरेंज के पौधे में फल आने लगे हैं, लेकिन इस पेड़ को लगाने वाले शरद अब इस दुनिया में नहीं रहे. आज शरद का पूरा बाग है, जिसमें कई पेड़ चाइनीज ऑरेंज से लदे हुए हैं. गांव के कुछ और लोग भी अब चाइनीज ऑरेंज की खेती करने लगे हैं.

पेड़ों पर लदे चाइनीज ऑरेंज

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छिलके हटाकर खट्टे लगते हैं ऑरेंज : शरद के पिता रघुनाथ प्रसाद शर्मा ने बताया कि चाइनीज ऑरेंज का पौधे शरद उत्तर प्रदेश से लेकर आए थे. शरद ने पौधों को खुद खेत में लगाया था. इसमें छोटे-छोटे नींबू के आकार के ऑरेंज फल रहे हैं. ये बाहर से संतरा की तरह ही दिखाई देते हैं, लेकिन इसकी खासियत है कि इसे बिना छिलका हटाए खाया जाता है. छिलके के साथ खाने में यह मीठी लगती है. यदि इसका छिलका हटाकर खाया जाए तो यह स्वाद में खट्टी रहती है. एक पेड़ से आज पूरा बाग तैयार हो चुका है.

बच्चों को बांट देते हैं ऑरेंज : शरद के पिता ने बताया कि वो इन फलों को बाजार में नहीं बेचते हैं, बल्कि ग्रामीणों व स्कूल जाने वाले बच्चों को बांट देते हैं. स्कूल के बच्चों को यह फल काफी अच्छा लगता है. बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे फल लेने के लिए उनके घर आते हैं. आब गांव के कुछ और लोग भी चाइनीज ऑरेंज की खेती करने लगे हैं. यह अपने आप में अलग तरह का ऑरेंज है.

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