अलवर. कोरोना वायरस के डर से लोग घरों में है, सड़कों पर वाहन चलना बंद हो चुके हैं. जिले के 11 उद्योग क्षेत्रों में 12 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जिसमें दिन-रात धुआं उगलने वाली चिमनी अब शांत है. ऐसे में लोगों की जीवन शैली में हुए बदलाव का पर्यावरण पर भी असर देखने को मिल रहा है.
बता दें, कि लगातार प्रदूषण का स्तर गिर रहा है. अलवर में देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुके हैं, इसमें भिवाड़ी सबसे ज्यादा प्रदूषित 5 शहरों में रहता है. 20 मार्च को भिवाड़ी की हवा में पीएम 2.5 का स्तर 103 यूजी था, जो लगातार कम हो रहा है. वहीं, पीएम 10 का स्तर 197 से लगातार गिर रहा है. एक माह बाद 25 अप्रैल की बात करें तो पीएम10 यूजी69 और पीएम 2.5 यूजी4.5 हुआ है, जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.
इसी तरह से अलवर शहर की वायु की गुणवत्ता में दिनों दिन सुधर हो रहा है. वायु प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ सालों में सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. भिवाड़ी की आबोहवा में जबरदस्त सुधार हुआ है. पिछले 2 साल के आंकड़े देखें तो 2019 में पीएम 2.5 का स्तर 161 यूजी और pm10 का स्तर 155 था. वहींं, 2018 में पीएम2.5 385यूजी और पीएम 10 का स्तर 210यूजी मापा गया था.
पढ़ेंःस्पेशल: बेजुबानों का हमदर्द महेश, निस्वार्थ भाव से कर रहा बेजुबानों की सेवा