अलवर.जयपुर में चित्तौड़गढ़ और झुंझुनू के बाद तीसरा सैनिक स्कूल अलवर जिले में खोलने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत ने मालाखेड़ा तहसील के हल्दीना गांव में मुफ्त जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद जमीन आवंटन प्रक्रिया शुरू हुई.
इस दौरान पता चला कि जमीन ब्रिक्स रिसर्च सेंटर के नाम आरक्षित है. बता दें कि साल 2018 में ब्रिक्स एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर के नाम जमीन आरक्षित की गई थी. बकायदा इस जमीन की जमाबंदी में ब्रिक्स एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर के नाम का नोट दर्ज है. इसके अलावा हल्दीना के 884 खातों की करीब 23 हेक्टेयर जमीन ब्रिक्स एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर के नाम आरक्षित है.
ऐसे में साफ है कि सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया है लेकिन पहले से आरक्षित जमीन का आरक्षण रद्द नहीं किया गया. अब अलवर जिला प्रशासन जमीन का आरक्षण रद्द करने की तैयारी कर रही है. उसके बाद यह जमीन सैनिक स्कूल के लिए सेना को दी जाएगी. इस संबंध में सेना के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. वहीं, अलवर में सैनिक स्कूल खोलने में सरकारी सिस्टम की ढिलाई सामने आई राज्य सरकार ने अक्टूबर 2013 में रक्षा मंत्रालय के साथ जिले में सैनिक स्कूल सोसायटी नई दिल्ली की ओर से संचालित सैनिक स्कूल खोलने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.