अलवर (नीमराणा). पुलिस ने दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे पर पिछले दिनों हुई दो करोड़ 55 लाख रुपए के आभूषणों की लूट के मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दो करोड़ 25 लाख की ज्वैलरी बरामद कर ली गई है. ढाई करोड़ का ये ज्वैलरी लूट कांड सामने आने के बाद पुलिस भी सकते में आ गई थी. पुलिस ने छानबीन की तो यह लूटकांड फर्जी निकला. ज्वैलरी के डिलीवरी ब्वाय ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी लूट की कहानी गढ़ी थी. डिलीवरी ब्वाय प्रमोद से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि 10 नवंबर की रात करीब 9 बजे करोलबाग इलाके से ज्वैलरी डिलीवर ब्वाय प्रमोद कुमार सैनी विनायक एयर पार्सल कोरियर कंपनी का पार्सल लेकर रोडवेज बस के जरिए जयपुर के लिए रवाना हुआ था. इस पार्सल में ढाई करोड़ के आभूषण थे. प्रमोद के मन में ज्वैलरी को लेकर लालच आ गया था. उसने अपनी साजिश में कुछ साथियों को शामिल कर लिया था. उसके प्लान के अनुसार उसके साथी सीआईएसएफ सब इंस्पेक्टर पद से बर्खास्त आरोपी पवन को नीमराणा के पास लूट की वारदात के अंजाम देना था. पवन के दो साथी कमलदीप और मोहित पहले ही धौला कुआं से प्रमोद के पीछे लग गए थे. जबकि पवन एक अन्य साथी दीपक के साथ कार से रोडवेज बस का पीछा करने लगा.
प्लान के मुताबिक पवन वर्दी में था, दीपक उसके साथ कार में मौजूद था. शाहजहांपुर टोल के पास नीमराणा इलाके में देवनारायण होटल के पास से रोडवेज बस को ओवरटेक कर पवन ने बस को साइड में लगवा दिया. बस में सवार कमलदीप और मोहित ने ड्राइवर को धमकाकर बस रुकवा दी. चारों ने मिलकर प्रमोद को बस से उतार लिया. देखने वालों की नजर में यह अपहरण और लूट या स्पेशल टीम की कार्रवाई लग रही थी. किसी को भनक भी नहीं लगी की लूट की इस फर्जी लूट का मुख्य सूत्रधार खुद प्रमोद है.