अजमेर. देश और दुनिया में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस अवसर पर जागरूकता सप्ताह कल बुधवार से शुरू होगा. इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस थीम मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू मेंटल हेल्थ) है. सन 2017 के सर्वे के अनुसार देश में कुल आबादी में 14 प्रतिशत लोग मानसिक रोग से ग्रसित हैं. इसमें सबसे बड़ी संख्या युवाओं की है. बावजूद इसके मेंटल हेल्थ को लेकर सरकारें गंभीर नहीं रही है. मानसिक रोगी को अन्य बीमारियों की तरह सामान स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य लाभ नहीं दिए जाते हैं. बल्कि इंश्योरेंस कंपनियां भी मानसिक रोग को अपने स्वास्थ्य सेवा में नहीं जोड़ती है. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जानिए यह खास पेशकश:
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाए जाने की शुरुआत 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेंटल हेल्थ ने की थी. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ाने एवं मानसिक रोग से संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत की गई थी. मसलन अन्य शारीरिक गंभीर बीमारियों के उपचार में रोगी को दी जाने वाली सुविधाओं के बराबर ही मानसिक रोगी को भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान हो. मनोरोग, नशा मुक्ति, नींद और सेक्स विशेषज्ञ डॉ नवेंदु गौड़ ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. इससे पहले सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रम जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित किए जाते हैं. इसमें सरकार, सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल होती हैं. इस बार वर्ल्ड फेडरेशन का मेंटल हेल्थ की ओर से राइट टू मेंटल हेल्थ थीम दी गई है.
मानसिक रोग को अंधविश्वास से जोड़कर देखते हैं लोग: डॉ गौड़ ने बताया कि मानसिक रोगी को सामाजिक रूप से बहिष्कृत माना जाता है. उसे घृणा, उपहास और अंधविश्वास की नजर से देखा जाता है. इस कारण मानसिक रोगी को ही नहीं बल्कि उसके परिजनों को भी प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. आमजन में जागरूकता की कमी के कारण शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक रोग को किसी देवी शक्ति अथवा भूत प्रेत बाधाओं से जोड़ा जाता है. कई बार अंधविश्वास के चलते मानसिक रोगी को तांत्रिक से झाड़-फूंक करवाया जाता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह ज्यादा देखने को मिलता है. उन्होंने बताया कि मानसिक रोग सैकड़ों प्रकार का होता है. लेकिन ज्यादातर लोग मानसिक रोगी को पागल ही समझने लगते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. हर मानसिक रोग के कारण लक्षण और उपचार के तरीके अलग-अलग होते हैं.