पुष्कर (अजमेर).'डोटासरा ने पाप किया है. पूरे देश से माफी मांगनी होगी. यदि ज्ञान की कमी है, तो विद्या भारती कर सकती है उनका ज्ञान वर्धन. महाराणा प्रताप का संघर्ष स्वाभिमान और मातृभूमि की रक्षा के लिए था.' यह कहना है विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र के संगठन मंत्री शिव प्रसाद, अध्यक्ष भरतराम कुम्हार, क्षेत्रीय मंत्री परमेंद्र दशोरा का. उन्होंने ये बयान विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ता की तीन दिवसीय बैठक से पहले प्रेस वार्ता में दिया.
उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नागौर में महाराणा प्रताप और अकबर के मध्य युद्ध को सत्ता के लिए संघर्ष बताने वाले बयान की कड़ी निंदा (Vidya Bharti condemn Dotasra statement) की है. विद्या भारती के अध्यक्ष भरतराम कुम्हार ने कहा कि डोटासरा का बयान प्रदेश वासियों के लिए धक्का पहुंचाने वाला है. महाराणा प्रताप की लड़ाई राष्ट्र के लिए और स्वाभिमान के लिए थी. उन्होंने डोटासरा के बयानों की निंदा करते हुए उन्हें ऐसे महापुरुषों पर गलत बयान देने से बचने की सलाह दी.
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विद्या भारती के क्षेत्रीय मंत्री परमेंद्र दशोरा ने कहा कि डोटासरा के बयान का हवाला देते हुए कहा कि डोटासरा को अपने ज्ञान का पुनः अवलोकन करना चाहिए. दशोरा ने चेताया कि अपनी ओछी राजनीति के लिए देश के नायकों को बदनाम करने की कोशिश ना करें. राजस्थानी ही नहीं भारत के हर वह नागरिक जिसने डोटासरा का बयान सुना है, क्षुब्ध हैं. उन्होंने डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पाप के लिए डोटासरा को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
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विद्या भारती के राजस्थान क्षेत्र संगठन मंत्री शिव प्रसाद ने कहा कि डोटासरा ने अभी तक महाराणा प्रताप को ठीक से पढ़ने और समझने का प्रयास भी नहीं किया है. वास्तव में महाराणा प्रताप ने सत्ता के लिए नहीं अपितु अकबर जैसे आततायी में विशुद्ध स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए जीवन भर संघर्ष किया. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की विद्या भारती की तर्ज पर पाठ्यक्रम में बदलाव संबंधी टिप्पणी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि विद्या भारती शिक्षा के माध्यम से शुद्ध रूप में राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के पोषण का ही कार्य करती है. ऐसे में हमारे कार्य से प्रेरित होकर अपने महापुरुषों के प्रति अंग्रेजों के चलाये गए मिथ्या इतिहास की गुलामी से आज समाज मुक्त होता दिखने लगा है.