अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का एसीबी ने पर्दाफाश किया है. मामले में पूछताछ के लिए एसीबी एडीजी दिनेश एमएन मंगलवार को अजमेर में पहुंचे है. कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह के निजी गार्ड और दलाल रंजीत सिंह और निजी कॉलेज के संचालक महिपाल सिंह से रिश्वत के मामले में कड़ी पूछताछ की गई. इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में पूछचाछ की गई.
रिश्वत मामले में MDS यूनिवर्सिटी के VC पर कसेगा शिकंजा एडीजी दिनेश एमएन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ACB के पास कुलपति और उनके दलाल के संबंध में पुख्ता सबूत मौजूद हैं. ACB ने पिछले साढ़े तीन माह पहले भीलवाड़ा के निजी कॉलेज संचालक की शिकायत पर कुलपति के खिलाफ रिश्वत मांगने का सत्यापन भी करवाया था. इसके बाद भ्रष्टाचार के पूरे खेल का पर्दाफाश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सहित अन्य जाल बिछाया गया और पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया. ये भी पढ़ें:चूरू के 4 पंचायतों के 168 ग्राम पंचायतों में पंच व सरपंच का चुनाव
कुलपति प्रोफेसर सिंह सहित पूरे गिरोह के सदस्य उपस्थित चले गए. दिनेश एमएन ने कहा, फिलहाल उक्त तीनों सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी आरोपी की जांच की जा रही है. इसके साथ ही कुलपति की संपत्ति के दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि निजी कॉलेज संचालक खोया विश्वविद्यालय का कर्मचारी सभी जानते थे कि रणजीत सिंह के जरिए कोई भी काम करवाया जा सकता है. वह रणजीत सिंह के जरिए ही अवैध काम करवा रहे थे. उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी की जाएगी.
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षड्यंत्र के तहत हुई कार्रवाई-
कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह के बेटे एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. कुलपति के बेटे के मुताबकि, कार्रवाई षड्यंत्र के तहत की गई और उनके पिता को फंसाने के लिए यह सब कुछ किया गया है. उन्होंने कहा कि उन पिता पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं और जल्द ही इसकी सच्चाई सबके सामने होगी.