अजमेर.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ गुरुवार को पुष्कर की धारा पर चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. तीर्थराज पुष्कर हिंदुओं का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. ऐसे में भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ का पुष्कर में चुनावी सभा को संबोधित करना भाजपा की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. पार्टी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता योगी की सभा को सफल बनाने की तैयारी में जुटे हैं. अजमेर देहात अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा ने बताया कि आदित्यनाथ गुरुवार को पुष्कर आएंगे. यहां वो गुर्जर धर्मशाला में भाजपा की चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.
एक नजर कार्यक्रम पर : योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर एक बजे केकड़ी में रोड शो करेंगे. उसके बाद पुष्कर में 3 बजे गुर्जर धर्मशाला में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे और फिर उसके बाद उनका किशनगढ़ में रोड शो का कार्यक्रम है. वहीं, भाजपा देहात अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा ने बताया कि 17 नवंबर को अमित शाह विजयनगर और नसीराबाद में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही उनका अजमेर में रोड शो का भी कार्यक्रम है.
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पुष्कर में कांग्रेस का मुस्लिम चेहरे पर दांव : अभी तक पार्टी के नेता प्रदेश में कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते आए हैं. ऐसे में अब भाजपा कांग्रेस कार्यकाल में हुई घटनाओं को भुनाकर हिंदुत्व कार्ड खेलने का प्रयास करेगी. वहीं, पुष्कर सीट दस साल से भाजपा के कब्जे में है. इस बार भी भाजपा की कोशिश है कि पुष्कर पर उनका कब्जा बरकरार रहे. हालांकि यहां कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय से नसीम अख्तर को टिकट दिया है. नसीम अख्तर पुष्कर से एक बार चुनाव जीत भी चुकी है, लेकिन दो बार उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा है.
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पुष्कर में त्रिकोणीय मुकाबला :पुष्कर में चुनावी घमासान इस बार काफी रोचक होता नजर आ रहा है. भाजपा ने पिछले दो बार से जीत दर्ज कर रहे सुरेश सिंह रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस से नसीम अख्तर को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, यहां दोनों प्रमुख पार्टियों का समीकरण बिगाड़ने के लिए मैदान में निर्दलीय व अन्य पार्टियों के उम्मीदवार खड़े हैं. असल में पुष्कर से पूर्व विधायक गोपाल बाहेती कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भाजपा से पूर्व प्रधान रहे अशोक सिंह रावत भी पार्टी से बगावत करके आरएलपी की टिकट से चुनावी मैदान में हैं. वहीं, पुष्कर क्षेत्र रावत बाहुल्य है और रावत भाजपा का वोट बैंक माना जाता है. ऐसे में अशोक सिंह रावत भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं. पुष्कर सीट के चुनावी समीकरण को देखें तो यहां कांग्रेस-भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं.