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झंडे की रस्म के साथ हुई उर्स की अनौपचारिक शुरुआत, देश-दुनिया से जायरीनों के आने का सिलसिला शुरू - beginning of Urs

Urs 2024, झंडे की रस्म के साथ ही सोमवार से सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई. इसके साथ ही देश-दुनिया से जायरीनों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया.

Urs 2024
Urs 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 8, 2024, 8:02 PM IST

झंडे की रस्म के साथ हुई उर्स की अनौपचारिक शुरुआत

अजमेर.झंडे की रस्म के साथ ही सोमवार से विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई. इस दौरान मुल्क में अमन चैन व भाईचारा के लिए दुआ मांगी गई. वहीं, इसमें शामिल होने के लिए देश-दुनिया से बड़ी संख्या में जायरीनों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया.

दरअसल, ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत सोमवार को दरगाह की सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ ही गई. परंपरा के अनुसार भीलवाड़ा का गौरी परिवार एक दिन पहले रविवार को झंडे की रस्म अदायगी के लिए अजमेर दरगाह पहुंचा था. झंडे चढ़ाने की रस्म से पहले दरगाह गेस्ट हाउस में शान-ओ-शौकत से झंडे का जुलूस निकला गया.

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बैंड बाजे के साथ निकला जुलूस :वहीं, जुलूस बैंड बाजा और ढोल नगाड़े के साथ निजाम गेट पहुंचा. जुलूस में गौरी परिवार के साथ ही बड़ी संख्या में दरगाह के खादिम भी मौजूद रहे. जुलूस से पहले असर की नमाज के बाद बड़े पीर के चिल्ले के करीब से तोप दागी गई. जुलूस के निजाम गेट पहुंचने पर तोप दागी गई. वहीं, झंडे के बुलंद दरवाजा पहुंचने पर भी तोप की सलामी दी गई. इस दौरान वहां मौजूद जायरीनों में झंडे को छूने और चूमने की होड़ मची रही.

ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चढ़ा उर्स का झंडा

दरगाह में जायरीनों की उमड़ी भीड़ :झंडे की रस्म में शरीक होने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंचे. दरगाह परिसर में जायरीनों की भीड़ देखते बनी. ऐसे में पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, दरगाह कमेटी के मुलाजिमों के साथ भीड़ को रोकने की कोशिश की गई. हालांकि, बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने के बाद भीड़ बेकाबू हो गई.

कलंदरों ने दिखाए हैरतअंगेज करतब :ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वालों में कलंदरों की भी बड़ी संख्या है. झंडे की रस्म पर शिरकत करने के लिए बड़ी संख्या में कलंदर दरगाह पंहुचे. झंडे के जुलूस के आगे कलंदरों ने हैरतअंगेज कारनामे दिखाए. वहीं, उनके करतबों को देख लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लिए.

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कलेक्टर, आईजी व एसपी ने लिया जायजा : झंडे का जुलूस शुरू होने से पहले प्रशासनिक और पुलिस अमला दरगाह पंहुचा. आईजी लता मोहन, कलेक्टर भारती दीक्षित और एसपी चुनाराम जाट ने मौके का जायजा लिया. इसके बाद बुलंद दरवाजे पर अधिकारी व्यवस्थाओं की निगरानी करते नजर आए.

खादिम सैयद फक्र काज़मी ने बताया कि 1928 में पीर अब्दुल सत्तर ने झंडा चढ़ाने की रस्म शुरू की थी. इसका मकसद था कि लोगों को दूर तक पता चल जाए कि ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स आने वाला है. उन्होंने बताया कि उनके बाद भीलवाड़ा का गौरी परिवार झंडे की रस्म अदा करता आया है. आगे उन्होंने बताया कि 12 या 13 जनवरी को रजब का चांद दिखने पर उर्स का विधिवत आगाज होगा. चांद रात से अगले छह दिन तक उर्स दरगाह में मनाया जाएगा. फिलहाल झंडे की रस्म के साथ उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई है.

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