राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Doctor Health Tips: आप भी करें ये उपाय, माइग्रेन के असहनीय दर्द से मिलेगी मुक्ति

होम्योपैथ में माइग्रेन का इलाज संभव है. लेकिन इसके लिए मरीज को चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना (Migraine treatment possible) होता है.

Doctor Health Tips
Doctor Health Tips

By

Published : Feb 8, 2023, 10:19 AM IST

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसएस तड़ागी

अजमेर.यदि आपके सिर में दर्द रहता है तो आप इसे हल्के में न लें. यह माइग्रेन भी हो सकता है. माइग्रेन अब आम बीमारी बन चुकी है. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को काफी पीड़ा होती है. लेकिन कई बार दर्द से तत्काल राहत के चक्कर में लोगों को नई बीमारियां हो जाती है. हालांकि माइग्रेन का होम्योपैथिक में कारगर इलाज मौजूद है. ईटीवी भारत ने माइग्रेन के संबंध में होम्योपैथिक के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसएस तड़ागी से बातचीत की.

चिकित्सकीय सलाह जरूरी -लंबे समय से यदि आपके सिर में दर्द है तो समझ लीजिए आपको माइग्रेन है. इस बीमारी के इलाज के लिए आपको चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है. बताया जाता है कि माइग्रेन के इलाज के लिए होम्योपैथिक पद्धति सबसे कारगर मानी जाती है. हालांकि इस पद्धति से इलाज में समय लगता है, लेकिन रोगी को माइग्रेन से निजात मिल जाता है. बशर्ते उसे अपनी दिनचर्या में आवश्यक बदलाव करने के साथ ही होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से दवा का सेवन करना होता है.

होम्योपैथ में दवाइयां उपलब्ध - आज होम्योपैथ में माइग्रेन की कई अच्छी दवाइयां उपलब्ध है. खास बात यह है कि इन दवाइयों का रोगी के शरीर पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है. यह बात सच है कि होम्योपैथी की दवाइयां रोगी को तत्काल दर्द से राहत नहीं पहुंचाती है, लेकिन इन दवाइयों के नियमित सेवन से रोगी को सिर दर्द की तीव्र पीड़ा से राहत मिलती है. उदाहरण के तौर पर देखें तो यदि रोगी को 15 दिन के अंतराल में माइग्रेन का दर्द उठता है तो नियमित दवा के सेवन से उसे एक महीने बाद माइग्रेन का दर्द होगा. धीरे-धीरे यह अंतराल बढ़ता जाएगा और 6 महीने में रोगी को माइग्रेन की बीमारी से निजात मिल पाएगी.

इसे भी पढ़ें- बाड़मेर: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बालिकाओं को दिए गए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के टिप्स

माइग्रेन होने के कारण और लक्षण -होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एसएस तड़ागी बताते हैं कि लंबे समय से तीव्र वेग से होने वाले सिर दर्द को माइग्रेन कहा जाता है. इसमें सिर दर्द होने के साथ ही रोगी को चक्कर आते हैं. कई बार रोगियों को जी मचलाने के साथ उल्टी भी होती है. उन्होंने बताया कि माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं. कारण बताते हुए डॉ तड़ागी बताते हैं कि गैस्ट्रिक, एसिडिटी, साइनोसाइटिस, जुखाम, सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस, तेज ब्लड प्रेशर, नींद की कमी, तनाव आदि से माइग्रेन हो सकता है. महिलाओं में अनियमित महामारी माइग्रेन का कारण बन जाती है. डॉ. तड़ागी बताते हैं कि अनियमित दिनचर्या और मानसिक तनाव माइग्रेन होने का सबसे बड़ा कारण है.

ऐसे मिलेगी माइग्रेन से मुक्ति -डॉ. तड़ागी बताते हैं कि माइग्रेन का कारण जाने के उपरांत ही रोगी के लिए दवा तय की जाती है. उन्होंने बताया कि रोगी नियमित रूप से दवा का सेवन करें तो 3 से 6 माह में माइग्रेन की बीमारी से रोगी छुटकारा पा सकता है. इसके लिए दवा के साथ उसे कुछ परहेज भी करना होगा. डॉ. तड़ागी ने बताया कि रोगी को तली- भुनी खाद्य पदार्थों से परहेज रखना होगा. इसके अलावा सर्दी से बचाव रखने के साथ ही ब्लड प्रेशर का भी इलाज करना होगा. रोगी को 8 घंटे प्रतिदिन नींद लेनी होगी.

इसके अलावा प्रतिदिन योग और हल्का व्यायाम भी करना होगा. यदि रोगी को सर्वाइकल है तो उसे तकिए का इस्तेमाल करना बंद करना होगा. डॉ. तड़ागी ने आगे बताया कि माइग्रेन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा होता है. ज्यादा तनाव और अधिक सोचने से माइग्रेन की तीव्रता भी बढ़ने लगती है. इसलिए रोगी को तनाव मुक्त रहने का प्रयास करना चाहिए.

दवा के अधिक सेवन से हो सकती है अन्य घातक बीमारियां -वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. तड़ागी बताते हैं कि माइग्रेन का दर्द होने पर लोग तत्काल राहत के लिए दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करते हैं, जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है. इन दवाइयों से रोगी को दर्द में राहत तो मिल जाती है. लेकिन इनसे माइग्रेन का इलाज नहीं होता, बल्कि दर्द निवारक दवाइयों के ज्यादा सेवन से रोगी को अन्य घातक रोग लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक दवा से रोगी को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. होम्योपैथिक दवा से माइग्रेन होने की इंटेंसिटी कम होती है और ड्यूरेशन बढ़ जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details