अजमेर.राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में अजमेर संभाग से चार विधायकों को जगह मिली है. ये सभी चारों विधायक पहली बार मंत्री बने हैं. इनमें पुष्कर से सुरेश सिंह रावत, नागौर के जायल से मंजू बाघमार, नावां से विजय चौधरी और टोंक जिले के मालपुरा सीट से कन्हैया लाल चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
अजमेर जिले की पुष्कर विधानसभा सीट से विधायक सुरेश सिंह रावत और टोंक जिले से मालपुरा सीट से विधायक कन्हैयालाल चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि नागौर जिले के जायल विधानसभा सीट से डॉ. मंजू बाघमार और नावां से विधायक विजय सिंह चौधरी को राज्य मंत्री बनाया गया. शनिवार को सभी ने पद व गोपनीयता की शपथ ले ली है.
सुरेश सिंह रावत :लगातार तीसरी बार पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. पुष्कर हिंदुओं की सबसे बड़ी धार्मिक स्थली है. यही बड़ा कारण है कि सुरेश सिंह रावत को भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिल गई. हालांकि, इसके संकेत पुष्कर में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनावी सभा में भी दे दिए थे. रावत ने अपना राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया था. उसके बाद पहली बार रावत ने सन 2013 में चुनाव में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और जीता. इसके बाद 2018 और 2023 में भी रावत ने जीत दर्ज करवाई. बता दें कि विगत वसुंधरा सरकार में सुरेश सिंह रावत संसदीय सचिव भी रह चुके हैं. रावत के कैबिनेट मंत्री बनने से उसका क्षेत्र में खुशी का माहौल है.
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कन्हैया लाल चौधरी : टोंक जिले की मालपुरा सीट से कन्हैया लाल चौधरी ने जीत की हैट्रिक लगाई हैं. चौधरी संगठन में भी काफी सक्रिय रहे हैं. चौधरी ने पहला चुनाव 2013 में जीता था. इसके बाद 2018 और 2023 में भी कन्हैया लाल चौधरी ने जीत दर्ज की. कन्हैया लाल पोस्ट ग्रेजुएट और सिविल इंजीनियर हैं. वहीं, ए ग्रेड ठेकेदार होने के साथ-साथ निजी शिक्षा क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं. संगठन के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें भजनलाल मंत्रिमंडल में कैबिनेट में जगह मिली है. चौधरी के मंत्री बनने से क्षेत्र में खुशी का माहौल है.
मंजू बाघमार :जायल विधानसभा सीट से मंजू बाघमार को राज्य मंत्री बनाया गया है. मंजू बाघमार ने पहले चुनाव 2008 में लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गईं थीं. सन 2013 में मंजू बाघमार चुनाव जीती थीं. उसके बाद 2018 में वह चुनाव हारी और 2023 में वह फिर से विधायक बनीं. मंजू बाघमार उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रोफेसर रह चुकी हैं. बाघमार को पहली बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
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विजय सिंह चौधरी : दूसरी बार चुनाव लड़े हैं. सन 2013 में पहली बार भाजपा की टिकट से विधायक बने. 2018 में विजय सिंह चौधरी चुनाव हार गए थे. 2023 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया लेकिन इस बार वह पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे. नागौर जिले की राजनीति में विजय सिंह चौधरी विधायक के रूप में जाट चेहरा थे. यही वजह है कि विजय सिंह चौधरी को राज्य मंत्री बनाया गया है.
विजय चौधरी ने पहली बार चुनाव जीता और पहली बार ही राज्य मंत्री बन गए. इस बार चुनाव में विजय सिंह चौधरी ने नागौर जिले की सभी सीटों में से सबसे अधिक मत हासिल किए थे. बता दें कि विजय सिंह चौधरी के पिता रामेश्वर चौधरी भी कांग्रेस से चार बार विधायक रह चुके हैं. 2003 और 2008 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर विजय सिंह चौधरी ने भाजपा का दामन थाम लिया था. यानी विजय सिंह चौधरी को राजनीति विरासत में मिली है. उनकी बेटी सविता चौधरी भी कुचामन पंचायत समिति से वर्तमान में प्रधान हैं.