उदयपुर-जयपुर वाया अजमेर चलेगी ट्रेन. अजमेर. राजस्थान की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ट्रायल रन शुक्रवार को उदयपुर से जयपुर के लिए किया गया. 24 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. इसके बाद ट्रेन के नियमित फेरे होंगे. फिलहाल अभी ऑफिशियल शेड्यूल जारी नहीं किया गया है. उदयपुर सीडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि उदयपुर से अजमेर तक वंदे भारत का सफल ट्रायल रहा, इसके आगे ट्रेन जयपुर के लिए रवाना हुई है.
ये रहेगा किराया : सीडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन सुबह 7:50 बजे उदयपुर से रवाना हुई थी जो दोपहर 11:30 पर अजमेर पहुंची. यहां से 11:50 बजे ट्रेन जयपुर के लिए रवाना हो गई जो 1:45 बजे जयपुर पहुंची. ट्रेन की वापसी शाम 4 बजे जयपुर से होकर रात्रि 10 उदयपुर पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि ट्रेन में चेयरकार सीटों को पहले से ज्यादा आरामदायक बनाया गया है. उदयपुर से जयपुर का किराया 850 रुपए और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1800 रुपए तय है.सप्ताह में 6 दिन ट्रेन का संचालन होगा और मंगलवार को ट्रेन संचालित नहीं होगी.
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सिक्योरिटी सिस्टम भी मजबूत : उन्होंने बताया कि पहले वंदे भारत ट्रेन की अपेक्षा इसमें कुछ सुधार किए गए हैं. लगेज रखने की सुविधा और बेहतर की गई है. साथ ही दिव्यांगों के लिए भी इस ट्रेन में सुविधाएं दी गई हैं. टॉयलेट्स में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे पानी का व्यर्थ बहाव नहीं हो. इसके अलावा सिक्योरिटी सिस्टम को भी मजबूत किया गया है, यानी टॉयलेट में गर्मी अधिक होती है तो सिक्योरिटी अलार्म बज जाएंगे. ट्रेन में जरा सा धुआं होने पर भी अलार्म बजने लग जाएंगे.
उदयपुर से जयपुर के बीच शुरू होगी ट्रेन :वंदे भारत का रूट उदयपुर से चंदेरिया, भीलवाड़ा, अजमेर, किशनगढ़ होकर जयपुर स्टेशन तक होगा. 24 सितंबर को उद्घाटन के दौरान उदयपुर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा मौजूद रहेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे.
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कारोबार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा :वंदे भारत ट्रेन के संचालन से उदयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा जिले में पर्यटन और कारोबार को फायदा मिलेगा. झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन उद्योग बड़े पैमाने पर है. साथ ही यहां नाथद्वारा में श्रीनाथजी का मंदिर, फतेहसागर, पिछोला झील, जगदीश मंदिर, सिटी पैलेस समेत कई पर्यटन स्थल हैं. यहां वर्ष भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. इसी प्रकार उदयपुर के समीप खामलीघाट और गोरम घाट जैसे प्राकृतिक पर्यटन स्थल भी हैं.
देश-विदेश से आते हैं सैलानी : अजमेर के पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा का इकलौता मंदिर है. पुष्कर को टेंपल टाउन के नाम से भी जाना जाता है. हिंदुओं का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल होने के कारण यहां वर्ष भर की श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. यहां की लोक संस्कृति को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी आते हैं. अजमेर के किशनगढ़ में एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी है. यहां अब बड़े पैमाने पर ग्रेनाइट का कारोबार भी होने लगा है. अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है. यहां हर रोज बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं. इसी तरह भीलवाड़ा को राजस्थान का मैनचेस्टर कहा जाता है. यहां बड़े पैमाने पर कपड़ा उत्पादन किया जाता है.