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Ajmer Sharif Urs 2023: गरीब नवाज की मजार पर वर्षभर चढ़ने वाला चंदन उतारा, जायरीनों में बांटा

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स से पहले (Ajmer Sharif Urs 2023) मजार शरीफ से संदल (चंदन) उतारने की परंपरा निभाई गई. इस चंदन को पाने के लिए जायरीनों में खासा उत्साह देखने को मिला.

Ajmer Sharif Urs 2023
Ajmer Sharif Urs 2023

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Published : Jan 21, 2023, 11:14 PM IST

अजमेर शरीफ में संदल उतारने की रस्म

अजमेर.सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के पहले मजार शरीफ से संदल उतारी गई. खास बात यह कि ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर हर रोज चंदन चढ़ाया जाता है. लेकिन वर्ष में एक मर्तबा उतारा जाता है. मजार शरीफ से उतारे गए संदल को पाने की जायरीन में काफी उत्सुकता रहती है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह में जुटे हैं.

ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स रजब का चांद दिखने पर 22 जनवरी से होगा. इससे पहले ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से संदल उतारने की परंपरा रही है. शनिवार को दरगाह के ख़ादिमों ने मजार शरीफ से संदल उतारने की परम्परा का निभाई. इस दौरान आस्ताने शरीफ के बाहर जायरीन का हुजूम लगा रहा. मजार से उतारे गए संदल को खादिमों ने आम जायरीन को तकसीम ( बांटा ) किया.

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ख़ादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर प्रतिदिन खिदमत के वक्त संदल (चंदन) चढ़ाया जाता है. वर्ष भर मजार पर काफी संदल हो जाता है. दरगाह के ख़ादिम संदल उतारने के बाद उसे आपस में जायरीन को बांटते हैं. कुछ संदल ख़ादिम अपने पास रखते हैं, ताकि कोई अकीदतमंद कभी मांगता है तो उसे देते हैं.

बीमारियों में मिलती है सफा : खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि मजार से उतरी संदल को लेकर मान्यता है कि बड़ी से बड़ी बीमारी में संदल के सेवन से सफा (राहत) मिलती है. सकी ने बताया कि एक ग्लास पानी के साथ संदल का सेवन किया जाता है.

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सुबह खुलेगा जन्नती दरवाजाःखादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि वर्ष में 4 मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा रविवार सुबह 5 बजे जायरीन के लिए खोला जाएगा. रात को रजब का चांद दिखाई नहीं देता है तो जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद 23 जनवरी को सुबह 5 बजे खोला जाएगा.

रजब का चांद दिखने पर बदलेगा खिदमत का समयःदरगाह में उर्स के दौरान खिदमत का समय बदल जाएगा. आम दिनों में दोपहर में खिदमत का समय रहता था. उर्स में शाम साढ़े 7 बजे खिदमत का समय रहेगा. जायरीन के लिए रात्रि 2 बजे तक आस्ताना खुला रहेगा.

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