अजमेर. जिले में मानसून के आगमन को देखते हुए पानी से लबालब भरे आना सागर का जलस्तर कम किया जा रहा है. सिंचाई विभाग ने जिला कलेक्टर के आदेश से 13 फिट जलस्तर को 11 फीट पर लाने के लिए आनासागर के 2 गेट 6 इंच तक खोले गए हैं. 15 दिन तक दो चैनल गेट से प्रतिदिन 4 एमसीएफटी पानी निकाला जा रहा है.
अजमेर शहर के बीचोबीच खूबसूरत आना सागर झील मानव निर्मित झील है. इस झील के सौंदर्य से अजमेर आने वाले पर्यटक भी आकर्षित हुए बिना नहीं रहते. अजमेर शहर में दो विधानसभा क्षेत्र है. आनासागर झील उत्तर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. आनासागर कैचमेंट एरिया अतिक्रमित है वरना यहां दर्जनों कॉलोनियां भी आबाद हो चुकी होती हैं. आनासागर झील में 13 बड़े नाले और क्षेत्र के छोटे नालों से गंदे पानी की आवक बनी रहती है. विशाल झील गंदगी को भी अपने मे समाहित करती आई है. यही वजह है कि झील का जलस्तर बना रहता है.
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पिछले साल आना सागर झील से सटी सागर विहार, वैशाली नगर और वन विहार जैसी निचली बस्तियों में पानी भरने से विकट हालात उत्पन्न हो गए थे. यही वजह है कि प्रशासन ने मानसून के आगमन से पहले ही झील के जलस्तर को कम करना शुरू कर दिया है. जिससे निचली कॉलोनियों को बचाया जा सके. बुधवार को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता आनंद त्रिपाठी ने बताया कि आनासागर के आसपास की निकली कॉलोनियों को बचाने के लिए झील का जलस्तर कम किया जा रहा है.
वहीं आनासागर झील के भर जाने के बाद पानी छोड़े जाने से दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की निचली बस्तियां बिहारीगंज गुर्जर धरती, नगरा में पानी भरने का खतरा रहता है. इसलिए मानसून से पहले ही यह कदम उठाया जा रहा है.
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बारिश में आना सागर झील में छोटे-बड़े नालों के अलावा सबसे बड़ा मुख्य स्रोत बांडी नदी है. पहाड़ों के अलावा फॉय सागर झील का ओवर फ्लो पानी भी आनासागर झील में आता है. सालों से अतिक्रमण की वजह से सिमट रही झील में पानी को समाने की क्षमता भी कम चुकी है. यही कारण है कि आना सागर झील से पानी एस्केप चैनल के माध्यम से खानपुरा तालाब पहुचाया जा रहा है. बता दें कि खानपुरा तालाब के भरने के बाद डुमाडा, भावता होते हुए पानी गोविंदगढ़ बांध में पहुंचता है.