अजमेर. शहर का सुभाष उद्यान को अगर अजमेर की जान कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि पिछले कई महीनों से इस उद्यान ने कंकर से शंकर बनने का सफर तय किया है. एक वक्त था जब ये अपनी बदहाल व्यवस्था से जूझ रहा था. लेकिन कब इसके दिन बदल गए, मालुम हीं नहीं चला.
हृदय योजना से बदली तस्वीर
शहर के बीचों बीच बसे इस उद्यान को प्रशासन की ओर से हृदय योजना के अंतर्गत लिया गया. इसके बाद इस उद्यान की तस्वीर बदल सी गई. इससे पहले कचरे का ढेर के साथ-साथ फुटपाथ पर रहने वाले फकीरों का डेरा भी यही लगा रहता था, जिसके कारण पर्यटक भी इस उद्यान में आने से कतराते हुए नजर आते थे.
लेकिन जब से इस उद्यान का हृदय योजना के अंतर्गत विस्तार किया गया तो अब यह उद्यान देखते ही बनता है. सुंदर पेड़ों के साथ लाइटिंग का संगम पर्यटकों को मोहता हुआ नजर आता है.
अजमेर सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा नगरी पुष्कर के कारण पर्यटन की दृष्टि से अजमेर काफी अहम स्थान रखता है. ऐसे में शहर में ऐसे एक उद्यान की सख्त जरूरत थी जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचे.
निगम को हुई 4 लाख की आय
नगर निगम के अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2018 से इस उद्यान में टिकट व्यवस्था को चालू किया गया और तब से 2019 अप्रैल तक इस उद्यान से नगर निगम को 4 लाख रुपये की आय हो गई है. जबकि नगर निगम कि ओर से 13.8 करोड़ रुपए इस उद्यान पर खर्च किए जा चुके हैं.
महिला कर्मचारी भी मौजूद
वहीं अगर हम स्वच्छता अभियान की दृष्टि से इस उद्यान की बात करें तो अजमेर जिले में यह उद्यान अव्वल है ही लेकिन आर्थिक दृष्टि से भी सुदृढ़ है. इस उद्यान में पुरुष कर्मचारियों के साथ-साथ महिला कर्मचारी भी मौजूद है जो यहां की व्यवस्थाओं के साथ-साथ सफाई व्यवस्था पर भी खासा ध्यान रखते है. ॉ
42 कैमरों से लैस है पार्क
सुरक्षा की दृष्टि से उद्यान परिसर में 42 कैमरे हैं. साथ ही ओपन वे जिम भी यहां उपलब्ध है. कैफेटेरिया और बच्चों की ट्रेन की व्यवस्था यहां होना बाकी है, जिसके बाद यह उद्यान पर्यटकों द्वारा और ज्यादा पसंद किया जाएगा.
बड़ी संख्या में आते है पर्यटक
पर्यटकों का कहना है कि वह लगभग 35 सालों से इस उद्यान में आ रहे हैं लेकिन जो पहले इस उद्यान की दशा थी अब उसकी सूरत ही बदल चुकी है. पर्यटक गोपाल बंजारा ने बताया कि यह उद्यान फव्वारा चौराहे के नजदीक ही बना हुआ है जिसके कारण अजमेर आने वाले पर्यटकों में से बड़ी संख्या इस उद्यान का दीदार करती है.
पानी की कमी दूर हो
साथ ही एक पर्यटक ने बताया कि सभी व्यवस्था माकूल है लेकिन पानी की कमी के चलते कई बार पर्यटक परेशान नजर आते है.