चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित के हेल्थ टिप्स अजमेर.शरीर पर ललाई या चमड़ी में उभार, खुजली है तो यह पित्ती भी हो सकती है. लोगों में पित्ती की समस्या काफी बढ़ रही है. हालांकि ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज माना जाता है. ईटीवी भारत से बातचीत में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित ने बताए पित्त रोग के कारण, लक्षण और उपचार संबंधी हेल्थ टिप्स.
पित्ती रोग की समस्या आजकल ज्यादा है. ये घातक नहीं है लेकिन इलाज नहीं मिलने पर रोगी को परेशान भी कर देती है. पित्ती का इलाज तभी संभव है जब इसके कारणों के बारे में ठीक से पता चल जाता है. अन्यथा एलर्जी से ग्रसित दवा और इंजेक्शन के माध्यम से तत्काल राहत दी जाती है. डॉ पुरोहित बताते हैं कि एलर्जी को शरीर की ओर से परिलक्षित करने के कई रूप है. इसमें से एक एलर्जी का प्रकार पित्ती भी है.
पित्ती के प्रभाव से रोगी के शरीर पर ललाई आती है, शरीर में उभार आने लगता है जिसे बोलचाल की भाषा में दाफड़ (चकता) कहते है. उन्होंने बताया कि पित्ती रोग शरीर में छिपे हुए कीटाणु, एरोसोल या प्रतिरोधक क्षमता न्याय विकार के कारण भी संभव है. पित्ती रोग किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है. इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसके कारण जानने से इलाज आसान होता है.
पित्ती के लक्षण : चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि शरीर पर खुजली होना, ललाई आ जाना, होठ और आंख के आसपास सूजन आ जाना. डॉ पुरोहित बताते हैं कि यह सूजन दर्द रहित होती है. इसको व्हील फ्लेयर रिएक्शन भी कहते हैं. उन्होंने बताया कि इसका प्रभाव सुबह और शाम के वक्त ज्यादा देखने को मिलता है. इसके अलावा शरीर पर कई उभार आने लगते है, जिसको बोलचाल में दाफड़ भी कहते हैं.
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पित्ती के कारण :डॉ पुरोहित बताते हैं कि पित्ती रोग के कारण को जानने के लिए ब्लड टेस्ट होता है लेकिन यह उतना कारगर नहीं है. ऐसे में एलर्जन व्यक्ति घर पर ही इन टेस्ट के आधार पर एलर्जी का कारण जान सकता है. उन्होंने बताया कि एलर्जी यदि खाने से होती है तो उसे ingestion, सूंघने से यह तो इनहेलरेशन और पेट में कीड़े होने पर infestation और शरीर में कीटाणु (इंफेक्शन) से पित्ती रोग होता है.
ऐसे करें एलर्जी की जांच :डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि पित्ती रोग का बचाव ही उपचार है. एलर्जी के कारक को खोजना और उससे बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि एलर्जी से ग्रसित व्यक्ति एलर्जी के कारण जानने के लिए घर पर ही टेस्ट कर सकता है. यदि किसी व्यक्ति को किसी खाद्य वस्तु से एलर्जी है तो उसे 1 दिन का उपवास रखना चाहिए. इस दौरान शरीर में एनर्जी के लिए व्यक्ति गुलकोज भी ले सकता है. ऐसा करने पर एलर्जी ग्रसित व्यक्ति को किस प्रकार की खाद्य वस्तु से एलर्जी है उसका पता चलता है. कारण का पता चलने पर उस खाद्य वस्तु के उपयोग नहीं करने से रोगी को काफी राहत मिलती है. वहीं उपचार भी आसान हो जाता है. इसी तरह से एरोसॉल तत्व का टेस्ट भी मास्क लगाकर किया जा सकता है. यानी हवा में तैरते तत्व सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे एलर्जी होती है. मास्क लगाने से यह पता लगाया जा सकता है कि किस प्रकार के एरोसॉल से रोगी को एलर्जी है. उन्होंने बताया कि पैच टेस्ट से भी एलर्जी टेस्ट किया जाता है. यह एक प्रकार की छोटी डिस्क होती है जिसको 72 घंटे के लिए पीठ पर चिपकाया जाता है. इसके बाद उस स्थान पर होने वाले रिएक्शन को चेक किया जाता है. उसके अनुसार ही रोगी का उपचार होता है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि कारण पकड़ में आते ही रोगी को प्रभावी इलाज भी मिलना शुरू हो जाता है.