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Samrat Ashok Sawari in Ajmer: अजमेर में कल निकलेगी सम्राट अशोक की सवारी, 2800 किलो गुलाल का किया इंतजाम

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Published : Mar 9, 2023, 8:33 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 11:25 PM IST

अजमेर में सम्राट अशोक की सवारी शुक्रवार को निकलेगी. इसके लिए 2800 किलो गुलाल का इंतजाम किया गया है.

Samrat Ashok Sawari in Ajmer on March 10, 2800 kg gulal ready for distribution
Samrat Ashok Sawari in Ajmer: अजमेर में कल निकलेगी सम्राट अशोक की सवारी, 2800 किलो गुलाल का किया इंतजाम

सम्राट अशोक की सवारी में उड़ेगा लाल गुलाल...

अजमेर.नगर निगम की ओर से शुक्रवार को धूमधाम से बादशाह की सवारी निकाली जाएगी. निगम परिसर में बादशाह की सवारी को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बादशाह के लुटाने के लिए 2800 किलो लाल गुलाल की पुड़िया तैयार की जा रही है. मान्यता है कि नगर भ्रमण के दौरान बादशाह गुलाल की पुड़िया को खर्ची के रूप में आमजन पर लुटाते हैं.

शुक्रवार को अजमेर में बादशाह की सवारी नगर निगम की ओर से निकालने के लिए तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है. निगम परिसर में श्रमिक बादशाह के लिए लाल गुलाल की पुड़िया बना रहे हैं. नगर निगम के पूर्व उपायुक्त एवं वर्तमान में पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने बताया कि सन 1995 में तत्कालीन समय में नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड था और सभापति वीर कुमार थे. वीर कुमार ने अजमेर में कई धार्मिक आयोजन शुरू किए थे. इनमें से ब्यावर की तर्ज पर बादशाह की सवारी का आयोजन अजमेर में भी शुरू किया गया.

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अतीत की यादों को ताजा करते हुए रलावता बताते हैं कि वीर कुमार ने अजमेर में रामलीला का मंचन, शारदीय नवरात्रि में गरबा और दशहरा महोत्सव, फागुन महोत्सव और बादशाह की सवारी निकालने की शुरुआत की थी. बादशाह की सवारी बैंड बाजों और ऊंट-घोड़ों के साथ नगर निगम से चूड़ी बाजार, नया बाजार चौपड़, आगरा गेट, महावीर सर्किल होते हुए सुभाष उद्यान संपन्न होती है. इस दौरान बादशाह की सवारी का शहर में कई जगह स्वागत होता है.

बदल गया बादशाह: रलावता बताते हैं कि अकबर के नवरत्नों में से एक टोडरमल को जब ढाई दिन की बादशाहट मिली थी, तब उन्होंने नगर भ्रमण करते हुए अपनी प्रजा पर खूब धन लूटाया था. उस घटना की याद में ही ब्यावर में बादशाह की सवारी निकाली जाती है. उसी तर्ज पर अजमेर में 2 दिन बाद बादशाह की सवारी निकाली जाती है. नगर निगम के पूर्व उपायुक्त एवं पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता बताते हैं कि धर्मेंद्र गहलोत जब पहली बार नगर परिषद के सभापति बने, तब बादशाह को सम्राट अशोक कहा गया.

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इसके बाद से ही नगर निगम की पत्रावली ओं में भी सम्राट अशोक की सवारी का ही जिक्र किया जाता रहा है. यानी वीर कुमार ने जिस बादशाह की सवारी की शुरुआत की थी, उसे बदल कर सम्राट अशोक की सवारी का नाम रख दिया गया. आज भी बोलती भाषा में बादशाह की सवारी ही कहा जाता है, लेकिन असल में वह सम्राट अशोक की सवारी होती है. उन्होंने बताया कि बादशाह की सवारी सुभाष उद्यान में जहां संपन्न होती है, वहां से शहरवासियों को पट्टे भी जारी किए जाते हैं.

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लाल गुलाल की पुड़िया करेंगे वितरित:नगर निगम के राजस्व अधिकारी पवन मीणा बताते हैं कि बादशाह की सवारी की व्यवस्थाओं को लेकर अंतिम रूप दिया जा रहा है. कांग्रेस के मनोनीत पार्षद नितिन जैन को इस बार बादशाह बनाया गया है. बादशाह की सवारी में नगर निगम के सभी पार्षद, अधिकारी, कर्मचारी और गणमान्य नागरिक शामिल रहते हैं. सवारी के आगे सफाईकर्मी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं. अतिक्रमण हटाओ दस्ता भी सवारी से पहले ही निर्धारित रूट पर आगे चलता है. उन्होंने बताया कि शहर से ही नहीं बल्कि आसपास गांव से भी लोग बादशाह की सवारी देखने आते हैं.

2800 किलो उड़ेगी लाल गुलाल: मीणा बताते हैं कि इस बार बादशाह की सवारी के लिए 2800 किलो लाल गुलाल का इंतजाम किया गया है. बादशाह की सवारी के दौरान यह गुलाल लोगों पर डाली जाती है. वहीं बादशाह की ओर से भी गुलाल की पुड़िया लोगों को वितरित की जाती हैं. मान्यता है कि गुलाल की पुड़िया के रूप में बादशाह लोगों को खर्ची देते हैं. लोग भी पूरी आस्था के साथ बादशाह से मिली खर्ची रूपी गुलाल की पुड़िया को संभाल कर रखते हैं.

Last Updated : Mar 9, 2023, 11:25 PM IST

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