अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 माध्यमिक शिक्षा विभाग के ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान एवं मनोविज्ञान का पेपर निरस्त होने के बाद अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. ग्रुप सी की परीक्षा के लिए 3 लाख 74 हजार अभ्यार्थी पंजीकृत है. परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे अभ्यर्थियों के पैरों तले जमीन सरक गई, जब परीक्षा केंद्रों से उन्हें बिना परीक्षा दिए लौटा दिया गया. कई अभ्यर्थी जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद हो गए. इधर आयोग का कहना है कि जांच रिपोर्ट के बाद फुल कमीशन की बैठक में परीक्षा की अगली तिथि तय होगी.
राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव एचएल अटल ने बताया कि सामान्य ज्ञान का पेपर शनिवार को 28 जिलों के कई केंद्रों पर सुबह 9 से 11 तक आयोजित होना था. उन्होंने बताया कि अध्यक्ष संजय कुमार को पेपर लीक से संबंधित कुछ सूचनाएं मिली थी. आयोग ने तुरंत निर्णय लिया कि अभ्यर्थियों के हित में परीक्षा को निरस्त करना ठीक रहेगा. इसलिए परीक्षा शुरू होने से पहले ही परीक्षा को निरस्त कर दिया गया. उदयपुर से पेपर लीक की सूचना मिली थी. जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही है. इस संबंध में ज्यादा तथ्यात्मक जानकारी जांच एजेंसियां ही बता पाएगी. उन्होंने कहा कि आयोग से अभी जांच एजेंसियों ने कोई ज्यादा जानकारी साझा नही की है.
ग्रुप सी की शेष परीक्षाएं 27 दिसंबर तक: पिपली के प्रकरण में उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आने तक इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद ही आयोग का फुल कमीशन आगामी निर्णय लेगा. उन्होंने कहा कि शनिवार को सुबह की पारी का पेपर निरस्त हुआ है. ग्रुप सी की शेष परीक्षाएं 27 दिसंबर तक होनी है. वह सभी परीक्षाएं यथावत निर्धारित समय पर होगी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से परीक्षाओं का आयोजन होता है. आगामी परीक्षाओं के लिए जिला प्रशासन से और पुख्ता व्यवस्था कर परीक्षा आयोजन करवाने के लिए कहा गया है. अटल ने बताया कि जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद फुल कमीशन में निर्णय लिया जाएगा कि आगामी परीक्षा की तिथि क्या होगी.
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पेपर लीक प्रकरण में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी: सचिव एचएल अटल ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से नकल रोकने और पर्चा लीक नहीं होने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे. व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन भी किया गया था. उन्होंने बताया कि जहां पर छह सेंटर पर डिप्टी कोऑर्डिनेटर लगाया जाता था. उसको कम करके तीन सेंटर पर डिप्टी कोऑर्डिनेटर लगाए गए थे. ताकि मॉनिटरिंग भली भांति से हो सके. ऐसे कई निर्णय आयोग की ओर से दिए गए थे जिसमें सुधार भी हुआ था. यह पेपर लीक किस प्रकार से हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है यह जांच एजेंसियां ही बता पाएगी.