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RPSC Paper Leak Case: 16 अभ्यर्थियों पर आयोग करेगा डिबार की कार्रवाई

आरपीएससी पेपर लीक मामले (RPSC Paper Leak Case) में राजस्थान लोक सेवा आयोग पकड़े गए फर्जी अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. आयोग ने 16 लोगों को डिबार घोषित करेगा. इससे पहले आयोग 46 अभ्यर्थियों को हमेशा के लिए परीक्षाओं से विवर्जित कर चुका है.

RPSC Paper Leak Case
राजस्थान लोक सेवा आयोग

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Published : Dec 27, 2022, 10:37 AM IST

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सेकेंड ग्रेड टीचर परीक्षा में पेपर लीक (RPSC Paper Leak Case) होने से पूरे राज्य के अभ्यर्थी अपने करियर को लेकर संशय में हैं. इस बीच 8 फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए. अब आयोग इनके साथ 8 और लोगों पर आजीवन परीक्षाओं से विवर्जित (डिबार) करने की कार्रवाई करने जा रहा है. दरअसल, सभी मामलों से संबंधित 8 मूल अभ्यर्थियों और 8 डमी अभ्यर्थियों यानी कुल 16 लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है.

46 अभ्यर्थियों पहले ही डिबार घोषित: इस परीक्षा में पहले ही 46 अभ्यर्थियों को आयोग (Rajasthan Public Service Commission) की ओर से हमेशा के लिए परीक्षाओं से डिबार किया जा चुका है. आयोग सचिव एचएल अटल ने बताया, '21 दिसंबर से अभी तक वास्तविक अभ्यर्थी की जगह अन्य व्यक्ति द्वारा परीक्षा देने का प्रयास करने के 8 मामले सामने आए हैं. सभी प्रकरणों में परीक्षा केंद्रों की सख्त सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते डमी अभ्यर्थियों को तुरंत रोका गया.' अटल ने आगे बताया कि अभी तक उदयपुर में 4, जोधपुर में 2, भरतपुर और झुंझुनू में 1-1 डमी अभ्यर्थियों से संबंधित कुल 8 मामले आयोग के संज्ञान में आए हैं.

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62 लोगों की सूची शेयर करेगा आयोग: अटल ने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता भंग करना, प्रश्न-पत्रों को अवैध तरीकों से हथियाना या किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देना जैसे मामलों में कठोर कार्रवाई के प्रावधान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-2022 के तहत किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा, 'परीक्षा में डिबार किए गए सभी 62 लोगों की सूची देश के अन्य भर्ती संस्थानों के साथ भी शेयर की जाएगी.'

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बता दें कि आयोग इस तरह के मामलों में दोषी अभ्यर्थियों को हमेशा के लिए परीक्षाओं से विवर्जित (डिबार) कर देता है. इसके साथ ही ऐसे मामलों में शामिल हर व्यक्ति पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होता है. आयोग की ओर से इस प्रकार का प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों और व्यक्तियों की सूची अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ भी साझा की जाती है. इसमें शामिल अभ्यर्थियों/व्यक्तियों के राजकीय सेवाओं में आने के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं.

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