अजमेर.राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने जमीनी तैयारी तेज कर दी है. चुनावी मैदान में जीत का परचम लहराने के लिए सभी दल हर एक विधानसभा क्षेत्र के सियासी नब्ज को टटोल रहे हैं. राजनीतिक दलों की ओर से बनाई जा रही रणनीति के बीच आज हम आपको मसूदा विधानसभा सीट का राजनीतिक लेखाजोखा बता रहे हैं.
विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की स्थिति. मसूदा विधानसभा सीट पहले कांग्रेस के लिए सुरक्षित मानी जाती थी, लेकिन दो दशक में इस सीट के सियासी मिजाज में काफी बदलाव आए हैं. इन बदलावों के बीच अब इस सीट पर कांग्रेस की राह आसान नहीं रही है. सीट में बदलाव का कारण परिसीमन भी रहा है. 2008 में भीनाय विधानसभा सीट को खत्म करके इस क्षेत्र की 25 से अधिक ग्राम पंचायतों को मसूदा विधानसभा सीट से जोड़ा गया. इसके बाद से इस सीट पर रोचक मुकाबले देखने को मिलते रहे हैं. वर्तमान में मसूदा विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इस सीट पर अपने कब्जे को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस जहां मंथन कर रही है, वहीं भाजपा सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है.
रामचंद्र चौधरी व विधायक राकेश पारीक. पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: भीलवाड़ा सीट पर भाजपा का कब्जा, दो दशक में कांग्रेस नहीं लगा पाई सेंध...इस बार यह है गणित
कांग्रेस के राकेश पारीक हैं विधायकः आगामी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी करने वाले नेता टिकट के लिए सियासी चक्कर लगा रहे हैं. बात करें मसूदा विधानसभा सीट की तो 2018 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस से राकेश पारीक मसूदा से विधायक हैं. राकेश पारीक को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है. पारीक इस बार दोबारा से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं मसूदा सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है.
मसूदा में जातीय समीकरण : मसूदा विधानसभा सीट पर 5 जनवरी 2023 के आंकड़ों के अनुसार 2 लाख 65 हजार 726 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 35 हजार 810 पुरुष और 1 लाख 29 हजार 916 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर सबसे अधिक 90 हजार मतदाता ओबीसी वर्ग के हैं. ओबीसी वर्ग में कई छोटी-छोटी जातिया सम्मिलित हैं. इसके बाद मेहरात - काठात समुदाय के 29 हजार मतदाता हैं. साथ ही गुर्जर मतदाता 28 हजार, रावत समाज के 27 हजार, जाट समाज के 18 हजार, ब्राह्मण 12 हजार मतदाता हैं. इसी प्रकार एससी वर्ग के 27 हजार मतदाता, एसटी वर्ग के 6 हजार, मुस्लिम मतदाता 7 हजार और वैश्य मतदाता 10 हजार हैं.
ब्रह्मदेव कुमावत व सुशील कंवर. पढ़ेंः धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर
दो दशक में यह रहा है सियासी हाल
- 2003 के विधानसभा चुनावमें 1 लाख 38 हजार 653 मतदाता थे. इस चुनाव में 5 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. चुनाव के दौरान 91 हजार 933 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चुनाव में बीजेपी से विष्णु मोदी जीते थे. विष्णु मोदी को 45 हजार 517 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस से हाजी कयूम खान को 36 हजार 107 मत प्राप्त हुए थे. इसी प्रकार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शायर को 14 हजार 576 वोट मिले थे.
- 2008 के विधानसभा चुनाव में मसूदा क्षेत्र में कुल मतदाता 1 लाख 96 हजार 199 थे. इस चुनाव में 1 लाख 30 हजार 764 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. इस चुनाव के दौरान मसूदा सीट से 7 उम्मीदवार मैदान में थे. यह चुनाव काफी रोचक रहा है. इस चुनाव में कांग्रेस से ब्रह्मदेव कुमावत ने जीत हासिल की थी. चुनाव में कांग्रेस से ब्रह्मदेव कुमावत को 42 हजार 137 मत मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर निर्दलीय के तौर पर रामचंद्र चौधरी थे. रामचंद्र चौधरी सरस डेयरी अध्यक्ष थे. साथ ही कांग्रेस से बगावत करके चुनाव मैदान में उतरे थे. दरअसल ब्रह्मदेव कुमावत और रामचंद्र चौधरी के बीच पुरानी अदावत है. निर्दलीय प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी को 34 हजार 450 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी ने नवीन शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था, इन्हें 31 हजार 17 वोट मिले थे.
- 2013 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 22 हजार 435 थी. इस चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे. यह चुनाव काफी रोमांचक रहा था. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के अलावा दोनों ही दलों के बागी भी मैदान में उम्मीदवारों के गणित को बिगाड़ने के लिए खड़े हुए थे. इस चुनाव में बीजेपी की सुशीला कंवर पलाड़ा ने जीत हासिल की थी. पलाड़ा को 34 हजार 11 मत मिले थे. वहीं, कांग्रेस ने ब्रह्मदेव कुमावत को दोबारा मैदान में उतारा था, लेकिन इस बार उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी रामचंद्र चौधरी और कांग्रेस के बागी वाजिद ने उनकी दाल नहीं गलने दी. ब्रह्मदेव कुमावत को 29 हजार 409 मत मिले थे. तीसरे स्थान पर निर्दलीय के तौर पर रामचंद्र चौधरी को 28 हजार 447 वोट मिले. चौथे स्थान पर बीजेपी से बागी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नवीन शर्मा रहे, इन्हें 21 हजार 945 मत प्राप्त हुए. कांग्रेस से बागी वाजिद को 20 हजार 616 वोट मिले थे.
- 2018 के विधानसभा चुनावमें मतदाताओं की संख्या 2 लाख 57 हजार 190 थी. इस चुनाव में कुल 10 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी थी. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान नए चेहरे पर दांव लगाते हुए राकेश पारीक को मैदान में उतारा था. पारीक ने कांग्रेस का भरोसा कायम रखते हुए चुनाव में जीत हासिल की थी. राकेश पारीक को 85 हजार 499 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी ने सुशील कंवर पलाड़ा को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन इस बार ये दांव फेल रहा. सुशील कंवर को 82 हजार 145 मत मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस से बागी पूर्व विधायक हाजी कयूम खान की मंशा धरी रह गई थी, उन्हें महज 6 हजार 967 मत ही मिले थे.
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मसूदा क्षेत्र में चुनावी मुद्देःमसूदा विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर लोग व्यापार और कृषि पर निर्भर हैं. क्षेत्र में खनन के अलावा मिनरल्स की भी फैक्ट्रियां हैं. मसूदा को सेरेमिक हब बनाने की घोषणा वसुंधरा राजे ने सत्ता में रहते की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई. पेयजल, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा बिजली की भी क्षेत्रों में समस्या है. वर्तमान में मसूदा विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से को नए जिले ब्यावर में समाहित करने का मुद्दा भी परवान पर है, जबकि मसूदा के लोग क्षेत्र को अजमेर में रखना चाहते हैं. मसूदा विधायक राकेश पारीक भी इस संबंध में मांग उठा चुके है.
पिछले चार चुनाव का परिणाम. यह हैं दावेदारःमसूदा विधानसभा सीट से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी है. प्रमुख दावेदारों के रूप में देखा जाए तो कांग्रेस से राकेश पारीक, संग्राम सिंह गुर्जर, ब्रह्मदेव कुमावत, रामचंद्र चौधरी, वाजिद, इंद्रदेव कुमाव समेत कई दावेदार हैं. इधर, भाजपा में पूर्व विधायक और वर्तमान जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा और उनके पुत्र शिवराज पलाड़ा, नवीन शर्मा, ऋतु राठौड़, सुनील कांवड़िया समेत कई दावेदार हैं.