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अजमेर की नसीराबाद नगरपालिका में बीजेपी से अनीता और सरोज ने भरा पर्चा, निर्दलीय प्रत्याशी शारदा ने भी ठोकी ताल

नसीराबाद नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए गुरुवार को रिटर्निग ऑफिसर राकेश गुप्ता के समक्ष भाजपा से अनीता मित्तल और सरोज बिस्सा ने पर्चा दाखिल किया. वहीं कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी शारदा मित्तलवाल ने भी भारी भरकम लवाजमे के साथ पर्चा दाखिल किया.

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Published : Nov 23, 2019, 9:42 AM IST

नसीराबाद (अजमेर).नसीराबाद कस्बे के ब्यावर मार्ग पर हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में स्थित नवगठित नगरपालिका क्षेत्र के 20 वार्डों के 1 हजार 44 मतदाताओं में से 956 मतदाताओं ने दोनों सियासी दल को स्पष्ट जनादेश नहीं देकर दोनों के विजय रथ के दावे को खारिज कर दिया.

बता दें कि मतदाताओं ने जीत का दावा ठोकने वाले दोनों सियासी दलों को उस दोर में लाकर पटक दिया है कि वह सोचने पर मजबूर हैं कि 'न इधर के रहे न उधर के रहे' और अब दोनों दलों के पास 10-10 सीटों का आकड़ा होने के कारण पर्ची ही इनके भाग्य का फेसला करेगी.

नसीराबाद नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए दौड़ तेज

नसीराबाद नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए गुरुवार को रिटर्निग ऑफिसर राकेश गुप्ता के समक्ष भाजपा से अनीता मित्तल और सरोज बिस्सा ने पर्चा दाखिल किया. वहीं कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी शारदा मित्तलवाल ने भी भारी भरकम लवाजमे के साथ पर्चा दाखिल किया. अध्यक्ष पद की सीट सामान्य महिला सीट के नाम पर आरक्षित है. भाजपा ने सामान्य वर्ग की अनीता मित्तल और कांग्रेस ने अनुसूचित वर्ग की शारदा मित्तलवाल पर दाव लगाया है.

रिटर्निग ऑफिसर राकेश गुप्ता से मिली जानकारी के अनुसार जांच के बाद भाजपा से अनीता मित्तल और कांग्रेस से शारदा मित्तल का नामांकन अध्यक्ष पद के लिए सही पाया गया. जिसके कारण सरोज बिस्सा का नामांकन खारिज हो गया .

गौरतलब है कि भाजपा की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अनीता मित्तल पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उन्होंने एम कॉम और कांग्रेस की उम्मीदवार शारदा मित्तलवाल ने बीए तक शिक्षा ग्रहण की है. दोनों सियासी दलों द्वारा नव निर्वाचित पार्षदों की बाडेबंदी कर अज्ञात स्थान पर भेजे जाने से दोनों ही दल एक दुसरे के खेमे में सेंधमारी करने का जोहर नहीं दिखा पा रहे हैं.

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हालांकि दोनों सियासी दलों के नेता साम दाम दंड भेद की नीति का अनुशरण करते हुए हर हथकंडे अपना रहे हैं और नव निर्वाचित पार्षदों के परिजनों से जोड़ तोड़ करने में जुटे हैं. बता दें कि किसी को भी अभी तक सफलता मिलने के पुख्ता समाचार नहीं मिले हैं. जिसको देखकर लग रहा है कि अब पर्ची ही दोनों दलों के भाग्य का फेसला करेगी. फिलहाल कयासों का दौर जारी है.

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