अजमेर. सोमवार को मीडिया कर्मियों से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि रविवार को अस्पताल में एक बड़ा हादसा होता हुआ टल गया. उन्होंने कहा कि वार्ड बाय गैस सिलेंडर लेकर जा रहा था तभी सिलेंडर से गैस लीकेज हो गई और धुआं ही धुआं भर गया. गनीमत यह रही कि गैस वार्ड बॉय की आंखों में जाती उससे पहले ही उसने अपनी आंखों को अपने हाथों से ढक लिया नहीं तो उसकी आंखे भी खराब हो सकती थी. चौधरी ने कहा कि कोरोना के दौरान अस्पताल में वार्ड बॉय्ज की कमी लेकिन भर्ती नहीं की जारी है.
मोहन चौधरी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने ठेके पर भी जो वार्ड बॉय रखे हुए हैं उनकी भी संख्या कम है. उन्होंने जिला कलेक्टर को पिछले दिनों ज्ञापन देकर अस्पताल में स्थाई वार्ड में भर्ती करने की मांग की थी. जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त ने अस्पताल प्रशासन को आदेश देकर वार्ड में भर्ती करने के लिए कहा गया था.
अजमेर: JLN अस्पताल में वार्ड बॉय की भर्ती को लेकर 1 दिसंबर से आमरण अनशन की तैयारी
अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कोविड-19 के दौरान भी वार्ड बॉय की कमी है. मामले को लेकर अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहन चौधरी ने एक दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है.
वार्ड बॉय की भर्ती को लेकर 1 दिसंबर से आमरण अनशन की तैयारी
चौधरी ने कहा कि आदेश के बाद भी भर्ती नहीं की गई है. वहीं एमआरएस की मीटिंग में भी इस मुद्दे पर मुहर लग चुकी है बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन अस्पताल भर्ती नहीं कर रहा है. चौधरी ने कहा की अगर जल्द वार्ड बॉय की भर्ती नहीं की गई तो 26 नवंबर को सभी वार्डों में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा. अगर कार्य बहिष्कार भी भी अस्पताल प्रशासन नहीं जागा तो फिर एक दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठ बैठने की तैयारी ही.