अजमेर.सीएसटी जयपुर पुलिस थाना अलवर गेट और जिला स्पेशल टीम की संयुक्त कार्रवाई ने समय रहते गैंगवार को रोक दिया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने कुख्यात हार्डकोर अपराधी संजय मीणा और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच हथियार और 28 कारतूस बरामद की है. चारों आरोपी जयपुर से अजमेर बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आ रहे थे. आरोपियों की निशानदेही पर जयपुर में भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
अजमेर जिला स्पेशल टीम और अलवर गेट थाना पुलिस ने कुख्यात अपराधी संजय मीणा और उसके साथियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. चारों आरोपी जयपुर से हथियारों के साथ लैस होकर बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए अजमेर आ रहे थे. जयपुर में भी सीएसटी टीम ने आरोपियों की एक साथी को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है.
कुख्यात हार्डकोर अपराधी संजय मीणा गिरफ्तार अजमेर एसपी जगदीश चंद्र शर्मा ने वारदात का खुलासा किया है. एसपी शर्मा ने बताया कि कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र चौधरी हत्याकांड (Dharmendra Choudhary murder case) की वजह से वरुण चौधरी और विक्रम शर्मा गैंग के बीच कई बार गैंगवार हो चुकी है. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले ही कुख्यात अपराधी वरुण चौधरी गैंग के कुछ सदस्य जमानत पर रिहा हुए हैं. वरुण चौधरी गैंग के सदस्यों पर हमला करने के लिए से ही कुख्यात अपराधी संजय मीणा और उसके 4 साथी अजमेर आ रहे थे.
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उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र चौधरी हत्याकांड के बाद वरुण चौधरी गैंग ने रामकेश मीणा और विक्रम शर्मा की हत्या कर दी थी. वहीं वरुण चौधरी गैंग ने कई बार संजय मीणा को भी जान से मारने की साजिश रची थी लेकिन पुलिस ने समय रहते इस साजिश को नाकाम कर दिया था. एसपी जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि चारों आरोपियों को संजय मीणा के घर से गिरफ्तार किया गया है.
ये हुए गिरफ्तार
कुख्यात गैंगस्टर संजय मीणा, अजमेर के अलवर गेट थाना क्षेत्र के कालू की ढाणी का निवासी है. उसका साथी लोकेश मीणा दौसा जिले के थाना सलेमपुर क्षेत्र के महुआ तहसील में औनंड़मीना गांव का निवासी है. शेर सिंह उर्फ शेरू मीणा करौली जिले के टोडाभीम तहसील में शादपुरा गांव का निवासी है. विकास शर्मा उर्फ विक्की अलवर गेट थाना क्षेत्र के श्रीनगर रोड पंजू पान वाले के समीप रहता है.
कुख्यात गैंगस्टर संजय मीणा और उसके चार साथियों का है क्रिमिनल रिकॉर्ड
कुख्यात गैंगस्टर संजय मीणा के खिलाफ विभिन्न थानों में करीब 18 मुकदमें दर्ज हैं. इनमें मर्डर, प्राणघातक हमले, चौथ वसूली, मारपीट, आर्म्स एक्ट सहित कई मामले हैं. इसके खिलाफ कई प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है. संजय मीणा जमानत पर रिहा हो चुका था. दूसरा आरोपी शेर सिंह उर्फ शेरू के खिलाफ मुकदमें टोडाभीम अजमेर सिविल लाइंस थाना, अलवर के खेड़ली थाना, जयपुर के ज्योति नगर थाना, दोसा के मानपुर थाना और दोसा कोतवाली थाना में प्राणघातक हमले मारपीट आर्म्स एक्ट सहित 7 मुकदमे दर्ज है. तीसरा आरोपी विकास शर्मा के खिलाफ गंज और अलवर गेट थाने में चार मुकदमे मारपीट आर्म्स एक्ट के दर्ज है.
यूथ कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष विक्रम शर्मा और धर्मेंद्र चौधरी में जमीनों को लेकर पनपी थी रंजिश
यूथ कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष विक्रम शर्मा बड़ा भूमाफिया था. धर्मेंद्र चौधरी विक्रम शर्मा के संपर्क में आने के बाद जमीन के कारोबार में से जुड़ गया. इस दौरान दोनों के बीच शुरुआती दौर में अच्छी सांठगांठ रही लेकिन जमीनों से होने वाले मुनाफे को लेकर दोनों के बीच विवाद गहरा गया और धीरे-धीरे दोनों में यह विवाद रंजिश में तब्दील हो गया. इसका नतीजा यह रहा कि धर्मेंद्र चौधरी ने अपनी अलग गैंग बना ली. जिसके बाद विक्रम शर्मा और धर्मेंद्र चौधरी के गैंग के बीच कई बार गैंगवार हुआ. दोनों एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गए.
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इस दौरान रामकेश मीणा और संजय मीणा ने विक्रम शर्मा का साथ दिया. धर्मेंद्र चौधरी की हत्या में विक्रम शर्मा जहां मुख्य साजिशकर्ता था. वहीं धर्मेंद्र चौधरी की हत्या करने में संजय मीणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. धर्मेंद्र चौधरी हत्याकांड के बाद उसका रिश्तेदार वरुण चौधरी ने उसकी हत्या का बदला लेने के लिए रामकेश मीणा की हत्या अपने गुर्गों से करवाई. धर्मेंद्र चौधरी हत्याकांड में संजय मीणा और उसके साथी लंबे वक्त तक जेल में रहे. इस दौरान भी उन पर हमला करवाने की वरुण चौधरी ने कई बार कोशिश की लेकिन पुलिस ने हर बार उसकी कोशिशों को नाकाम कर दिया.
रामकेश मीणा और विक्रम शर्मा हत्याकांड के आरोपी रहे वरुण चौधरी गैंग के सदस्य कुछ दिनों पहले ही जमानत पर रिहा हुए थे. कुख्यात हार्डकोर अपराधी संजय मीणा और उसके 3 साथी जयपुर से हथियार लेकर आए थे.