अजमेर. श्वास रोगियों के लिए फरवरी और मार्च का माह में विशेष सजगता रखने की जरूरत होती है. इन दिनों अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रसित ही आ रहे हैं. ऐसे में यदि आप भी एलर्जिक या अस्थमा से ग्रसित हैं, तो पहले ही सजग हो जाइए. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नीरज गुप्ता ने इस बारे में टिप्स शेयर किए हैं.
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज गुप्ता ने बताया कि फरवरी और मार्च के महीने में अचानक मौसम में आए बदलाव से अस्पताल में श्वास रोग विभाग की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस मौसम में श्वास संबंधी रोगियों को श्वास उखड़ने शिकायत होती है. समय पर रोगी को इलाज नहीं मिले तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. डॉ गुप्ता ने बताया कि एलर्जी और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि एलर्जी और अस्थमा के रोगी फरवरी और मार्च महीने में सुबह के वक्त बाहर निकलने में परहेज रखें. वहीं सुबह अपने घर की खिड़की और दरवाजे भी बंद रखें. सुबह की हवा में परागकण अधिक पाए जाते हैं. इस कारण श्वास रोगियों की समस्या और बढ़ जाती है.
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श्वास उखाड़ने पर तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क: डॉ गुप्ता ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को पहली बार श्वास संबंधी बीमारी होने पर वह तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. उन्होंने बताया कि श्वास उखड़ने के दो कारण हो सकते हैं. इसका पहला कारण हृदय रोग भी हो सकता है. ऐसे में मरीज की पहले ईसीजी करवाई जाती है. हृदय संबंधी चिकित्सक ईसीजी रिपोर्ट को देखते हैं और उचित परामर्श देते हैं. वहीं दूसरा कारण एलर्जी या अस्थमा की जांच इसपायरोमिट्री होती है. जांच रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक मरीज को दवा और इनहेलर लिखते हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में जांच और दवा की निशुल्क व्यवस्था है.