वैशाख माह में पंच तीर्थ स्नान अजमेर.कार्तिक माह की तरह ही वैशाख महीने में एकादशी से पूर्णिमा तक पंचतीर्थ स्नान का विशेष महत्व रहता है. इस बार ये स्नान 1 मई यानी मोहिनी एकादशी से प्रारंभ होगा, जो कि पूर्णिमा तक चलेगा. तीर्थ गुरु पुष्कर में इस विशेष पंचतीर्थ स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित होने लगी है.
ज्योतिषाचार्यपंडित कैलाश नाथ दाधीच बताते हैं कि एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर तीर्थ में पंचतीर्थ स्नान का विशेष महत्व होता है. कल 1 मई को मोहिनी एकादशी है. पुष्कर आने वाले तीर्थयात्री एकादशी का स्नान करेंगे. साथ ही तीर्थ की पूजा अर्चना करने एवं जल का दान करने, शीतल पेय पदार्थ का दान करने से करोड़ों गुना फल मिलता है. ऐसे में स्नान पूजा अर्चना और दान पुण्य पूर्णिमा तक जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जयंती भी है. उन्होंने बताया कि पदम पुराण के सृष्टि खंड में लिखा है कि अपने एवं पितरों के साथ जनमानस की सुख शांति के लिए एकादशी से पूर्णिमा तक किए गए दान पुण्य का फल करोड़ों गुना मिलता है.
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तीर्थ गुरु पुष्कर का है विशेष महत्वः हिंदू धर्म के लोगों के लिए सभी तीर्थ स्थलों में से तीर्थ गुरु पुष्कर का विशेष महत्व है. यहां विश्व का एकलोता जगतपिता ब्रह्मा का मंदिर है. वहीं जगतपिता ब्रह्मा के कमंडल के जल के समान यहां सरोवर के जल को पवित्र माना जाता है. बताया जाता है कि कार्तिक और वैशाख के महीने में एकादशी से पूर्णिमा तक त्रिदेव समेत समस्त देवी देवता और तीर्थ पुष्कर में निवास करते हैं. पुष्कर में ज्योतिषाचार्यपंडित कैलाश नाथ दाधीच बताते हैं कि इन पंचतीर्थ के बारे में वेद और अन्य शास्त्रों में भी वर्णित हैं. पंडित दाधीच ने बताया कि वैशाख शुक्ल एकादशी का नाम मोहिनी एकादशी भी है. उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने 24 अवतार लिए थे, उनमें से एक अवतार मोहिनी का भी था. भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धर कर दानवों से अमृत लेकर देवताओं को अमृत पान करवाया था. इस कारण देवता अमर हुए और दानवों को अमृत नहीं मिल सका था.
पुष्कर में तीर्थ यात्रियों की बढ़ने लगी है रौनकःपुष्कर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर तीर्थ यात्रियों की रौनक बढ़ने लगी है. दूरदराज से आए तीर्थयात्री वैशाख के महीने में सरोवर में स्नान, पितरों के निमित्त पूजा, तीर्थ गुरु पुष्कर राज की पूजा कर श्रद्धा अनुसार दान पुण्य कर रहे हैं. मोहिनी एकादशी से पूर्णिमा तक तीर्थ नगरी पुष्कर में तीर्थ यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी. तीर्थयात्री पुष्कर में आस्था की डुबकी लगाएंगे.