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Health Tips: नियमित व्यायाम और पौष्टिक आहार वर्ना हड्डियों की कमजोरी करेगी बुढ़ापा खराब, जानिए आस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण और उपचार - what is osteoporosis and its remedy

अनियमित जीवन शैली और भोजन में आवश्यक पौषक तत्वों की कमी के कारण व्यक्ति को भविष्य में आस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) रोग होने की संभावना अधिक रहती है. जानिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन सनाढय से आस्टियोपोरोसिस रोग के कारण, लक्षण और उपचार.

ड्डियों की कमजोरी करेगी बुढ़ापा खराब
ड्डियों की कमजोरी करेगी बुढ़ापा खराब

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 20, 2023, 10:48 AM IST

डॉ नितिन सनाढय के हेल्थ टिप्स

अजमेर. आस्टियोपोरोसिस हड्डी का एक रोग है. इसमें बोन मास डेंसिटी यानी हड्डी का घनत्व कम हो जाता है. इस रोग के बढ़ने पर फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है. 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह रोग ज्यादा देखने को मिलता है. बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि अच्छा खानपान और नियमित व्यायाम की आदत ही बुढ़ापे में काम आएगी. यह काफी हद तक ठीक भी है. दरअसल जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए लोग पैसा कमाते हैं लेकिन इस कारण वह अपना ख्याल ठीक से नहीं रख पाते हैं. अनियमित जीवनशैली और खान पान में लापरवाही उन्हें शारारिक रूप से कमजोर बना देती है. 50 की उम्र के बाद इसके दुष्परिणाम आस्टियोपोरोसिस के रूप में आने लगते हैं. हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन सनाढय बताते हैं कि वह आस्टियोपोरोसिस रोग कैल्शियम और प्रोटीन की कमी के कारण होता है. इस कारण हड्डियों में घनत्व की कमी की शिकायत होने लगती है.

वर्तमान में अनियमित जीवन शैली लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई है. इसके अलावा लोग अपने खान-पान का ध्यान नहीं रखते हैं. मसलन खाने पीने की चीजों में पौष्टिक तत्व की कमी रहती है. भूख लगने पर जंक फूड खाने का प्रचलन ज्यादा बढ़ गया है. इस कारण शरीर को जरूरी पौष्टिक तत्व नहीं मिलते हैं. जब उम्र जब बढ़ने लगती है तब हड्डियों को मजबूती देने के लिए आवश्यक कैल्शियम और प्रोटीन की कमी होने से आस्टियोपोरोसिस रोग होता है. इस रोग के बढ़ने पर फ्रैक्चर होने की संभावना भी अधिक रहती है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में महामारी बंद होने की स्थिति में यह समस्या होती है. उसके लिए आवश्यक है कि लोग अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें. उन्होंने बताया कि कामकाज के चक्कर में लोगों की फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर हो गई है. लोग खेलकूद और कसरत आदि नहीं करते है. इसके अलावा सुबह जल्दी सूरज की किरणें नहीं लेते, भोजन में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ नहीं लेते हैं.

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आस्टियोपोरोसिस रोग के लक्षण :डॉ सनाढय बताते हैं कि शरीर में कमजोरी आना, रीढ की हड्डी का झुक जाना, पीठ में दर्द रहना, कुभ निकलना, छोटे-छोटे फैक्चर होना, कद का काम होना, हड्डियों में दर्द महसूस करना, चलने फिरने उठने बैठने में दिक्कत आना यह आस्टियोपोरोसिस रोग के लक्षण है. उन्होंने बताया कि यह लक्षण प्रतीत होने पर व्यक्ति को तुरंत अस्थि रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.

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आस्टियोपोरोसिस का यह है उपचार :डॉ सनाढय बताते हैं कि आस्टियोपोरोसिस रोग के लिए हड्डियों के घनत्व की जांच करवाई जाती है. जहाज के नतीजे के आधार पर ही उपचार चिकित्सक की ओर से दिया जाता है. चिकित्सक की ओर से डाइट की सलाह दी जाती है. खासकर भोजन में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा आरोग्य को सुबह की धूप लेने और वजन पर नियंत्रण करने की सलाह दी जाती है. आस्टियोपोरोसिस रोग का दवा देखकर उपचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि रोग की अधिकता से फ्रैक्चर बार-बार होने के कारण हड्डियों में घनत्व बढ़ाने के इंजेक्शन भी रोगी को दिए जाते हैं.

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