अजमेर. स्मार्ट सिटी बन रहे अजमेर का केंद्रीय बस अड्डा विकास से अछूता है और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कर 2019 में वर्ल्ड क्लास बस स्टैंड बनाने के सब्जबाग जनता को दिखाए गए. अब इस बस स्टैंड की हालत बदतर नजर आ रही है. यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं भी रोडवेज प्रशासन नहीं दे पा रहा (No Passenger facilities at Ajmer central bus stand) है. हालात इतने विकट हैं कि बस स्टैंड की जर्जर इमारत में कर्मचारी रिस्क लेकर काम करने को मजबूर हैं.
अजमेर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 900 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं. शुरुआत में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से बनाए गए प्रोजेक्ट में अजमेर के केंद्रीय बस अड्डे को भी शामिल किया गया था. केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए डीपीआर भी बन चुकी थी. केंद्रीय बस अड्डे पर 7 मंजिला मल्टीकॉम्प्लेक्स बनना था. इसमें होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें और फिल्म थिएटर भी शामिल किए गए थे. अंडरग्राउंड पार्किंग, अत्याधुनिक प्लेटफार्म और एग्जिट के नक्शे तक बन चुके थे.
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अजमेर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की घोषणा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव करके गए थे. गहलोत सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम बजट अगले वर्ष पेश करेगी. अब केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाए जाने की फाइल मुख्यालय तक पहुंची लेकिन उसे वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई. लिहाजा अजमेर केंद्रीय बस अड्डे का वर्ल्ड क्लास बनने का सपना टूट गया है. अब हालात ये हैं कि केंद्रीय बस अड्डे की इमारत जर्जर हो चुकी है. हर तरफ गंदगी और बदबू का आलम है.
मूलभूत सुविधा के लिए भी तरसते हैं यात्री: केंद्रीय बस स्टैंड पर दो सुलभ कॉम्प्लेक्स हैं. इनमें से एक की हालत तो इतनी बदतर है कि इसके अंदर जाना तो दूर आसपास जाना भी मुमकिन नहीं है. सुलभ कॉम्प्लेक्स की इमारत गिरने की स्थिति में है. शौचालय गंदगी से अटे पड़े हैं. ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है. दूसरे सुलभ कॉम्प्लेक्स की भी कमोबेश यही स्थिति है. बस स्टैंड पर शुद्ध और शीतल पानी के लिए बने वाटर कूलर प्लांट बंद पड़े हैं. प्लेटफार्म पर जगह-जगह गंदगी पड़ी हुई है.