अजमेर.शहर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. छात्र संविधान की जानकारी रखते हुए राष्ट्रीय एकता अखंडता और सामाजिक समरसता के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. साथ ही वे अर्जित शिक्षा और ज्ञान का सदुपयोग संपूर्ण मानवता के कल्याण में करें.
वहीं, समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी और मैक्सिस पुरस्कार विजेता डॉ राजेंद्र सिंह थे. बता दें कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयो के समारोह में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन कराने की शुरुआत अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से की है. उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपस्थित लोगों को प्रस्तावना और कर्तव्यों का वाचन कराया.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए, इसलिए संविधान में प्रदत्त कर्तव्यों को युवा अपने आचरण में लाकर आगे बढ़े. इससे निश्चित तौर पर भारत देश को आगे बढ़ने में और स्वयं के जीवन को भी प्रोन्नत करने में यह कदम बेहतरीन साबित होगा.
उन्होंने कहा कि आमजन को संविधान की जानकारी होना आवश्यक है. राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता के लिए कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा. विश्वविद्यालय में युवाओं को मूल कर्तव्यों का ज्ञान कराने के लिए अभियान चलाया जाए ताकि देश की युवा पीढ़ी को मूल कर्तव्यों के बारे में जानकारी हो सके. इसके लिए गोष्ठियों और सेमिनार भी आयोजित किए जाएं. समारोह में 33 पदक पाने वाले छात्र छात्राओं को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुभकामनाएं भी दी और छात्राओं का मनोबल भी बढ़ाया.
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वहीं, समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि वर्तमान में कैरियर और सफलता को युवा पीढ़ी विशेष महत्व दे रही है. कैरियर में सफलता जीवन का एक भाग है. इससे सामान्य प्रक्रिया जितना ही महत्व देना चाहिए क्योंकि कैरियर जीवन से बड़ा नहीं है. राज्य सरकार और शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. इसलिए नए 50 महाविद्यालय प्रदेश में खोले गए हैं. नवाचारों के साथ शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है. बालिकाओं का अनुपातिक रूप से आगे बढ़ना एक सुखद संकेत है.