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नसीराबाद में छावनी परिषद ने खोले रैन बसेरे के ताले, कड़ाके की ठंड में सड़कों पर नहीं गुजारनी पड़ेगी रात

प्रदेश में कडाके की ठंड शुरू हो चुकी है. जिस कारण अब तक गरीब और असहाय लोगों को सड़कों पर ही अपनी रात गुजारनी पड़ रही है. इसे देखते हुए शुक्रवार को स्थानीय छावनी परिषद ने बंद पड़े रैन बसेरों के ताले खुलवाए और वहां रजाई और बिस्तर की व्यवस्था करवाई जिससे अब गरीब लोगों को ठंड से राहत मिल सकेगी.

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Published : Dec 11, 2020, 3:33 PM IST

Night shelters open in ajmer, नसीराबाद की ताजा हिंदी खबरें
गरीब और असहाय लोगों के लिए खुलवाएं गए रैन बसेरे

नसीराबाद (अजमेर).केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय छावनी परिषद ने आखिरकार ब्यावर मार्ग पर बंद पड़े रैन बसेरे की सुध ली. इसके साथ ही बंद पड़े रैन बसेरों के ताले खोलकर साफ सफाई कराकर पानी, रजाई और बिस्तर की व्यवस्था करने से अब रात में गरीब और असहाय लोगों को कड़ाके की ठंड में राहत मिलेगी.

ज्ञात रहे कि 4 दिसम्बर को ईटीवी भारत ने खबर प्रसारित की थी. जिसमें 'छावनी परिषद ने नहीं खोला रैन बसेरा, कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे लोग' जिसके बाद छावनी परिषद बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर समीर कौशल के निर्देश पर छावनी परिषद अधिशाषी अधिकारी अरविंद नेमा ने रैन बसेरे पहुंच कर ताले खुलवाकर वहां कार्मिकों से साफ सफाई करवा कर रैन बसेरे में बिस्तर और रजाई की व्यवस्था कर एक कार्मिक तैनात कर दिया.

गरीब और असहाय लोगों के लिए खुलवाएं गए रैन बसेरे

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वहीं, सर्दी शुरू होने से पूर्व ही स्थानीय निकाय छावनी परिषद को रैन बसेरा खोल देना चाहिये था, जिससे कि असहाय और गरीब लोगों को कड़ाके की ठंड में ठिठुरना नहीं पड़ता. जानकारी के अनुसार छावनी परिषद ने अभी केवल दो लोगों के हिसाब से ही रैन बसेरे में बिस्तर और रजाई की व्यवस्था की गई है जो कि माकूल व्यवस्था नहीं है. ईटीवी भारत की खबर के बाद गरीब और असहाय लोगों के लिए रैन बसेरा खुल जाने पर कस्बे के बुद्धिजीवियों ने ईटीवी भारत की खबर की सहारना की.

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