अजमेर. देश में सांप्रदायिकता के विरोध में सूफी संतों ने बैठक की है. जिसमें 9 राज्यों से मुस्लिम धर्म गुरु और सूफी संत शामिल हुए. जिसमें भारत के मदरसों में छात्रों को देश प्रेम की शिक्षा देने का निर्णय लिया गया.
ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन ने रविवार को हिंदुस्तान की दरगाह से जुड़े से सज्जादागण, सूफी संत और मुस्लिम धर्म गुरुओं की महत्वपूर्ण बैठक दीवान हवेली पर बुलाई. बैठक शुरू करने से पहले धर्मगुरुओं ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए बीएसफ के जवानों को श्रद्धांजलि दी.
इस बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक से मुस्लिल धर्मों से जुड़े सज्जादा गान सदस्य और सूफी संत शामिल हुए. बैठक के दौरान मुस्लिम धर्मगुरुओं समाज के नौजवानों के रास्ता भटकने से बचाने का निर्णय लिया. वहीं देश के मौजूदा हालात पर भी चर्चा की गई. साथ ही यह निर्णय लिया गया कि सूफी संतों के माध्यम से देश में युवाओं को सही तालीम देने का प्रयास किया जाएगा.
यह भी पढ़ें:बीकानेर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखते ही गोली मारने के आदेश
बैठक में दरगाह प्रमुख ने धर्म गुरुओं से कहा कि मुल्क के मौजूदा हालात को नजर में रखते हुए बल्कि तमाम खानकाह के सदर सज्जादानशीन और सूफियों को अब एक प्लेटफार्म पर लाना पड़ेगा. इसके लिए ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की बैठक में दरगाह प्रमुख ने मदरसों, स्कूलों में देश प्रेम की तालीम शुरू करवाने के लिए फरमान जारी कर दिया है. वहीं सभी दरगाह प्रमुखों को नौजवानों को द्वारा सही तालीम देने के लिए सभी सूफी संतों को फरमान जारी कर दिए गए हैं.