अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अजमेर में महंगाई राहत शिविर को लेकर हुई गत माह जनसभा में माइक की खराबी पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों पर भारी पड़ गई है. मामले को ड्यूटी में लापरवाही मानते हुए प्रशासन ने एक अधिकारी को 17 सीसी की चार्जशीट और दूसरे अधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिया है.
बता दें कि सभा में माइक खराब होने के कारण काफी देर तक सीएम का भाषण कम आवाज में हुआ था. सीएम ने माइक खराब होने को लेकर अपनी नाराजगी भी तत्कालीन कलेक्टर अंशदीप से जाहिर की थी. अजमेर जिला प्रशासन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग में एसई अशोक तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं, एक्सईएन (विद्युत) एसके मेघवंशी को 17 सीसी की चार्जशीट थमाई है.
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दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि सभा से पहले माइक साउंड सिस्टम का परीक्षण नहीं किया गया. इस लापरवाही को विभागीय एवं पदीय कार्यों के प्रति लापरवाही एवं उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवेहलना और प्रशासन की छवि को धूमिल करने वाला कृत्य माना गया है. माइक साउंड सिस्टम की खराबी के लिए एक्सईएन एसके मेघवंशी को दोषी माना है. एक्सईएन मेघवंशी पर दायित्वों को गंभीरता से नहीं लेने और लापरवाही बरतने का आरोप पत्र जिला प्रशासन ने जारी किया है.
प्रशासन के पत्र के अनुसार एक्सईएन का यह कृत्य राजकीय कर्तव्य एवं वीआईपी यात्रा कार्यक्रम के प्रति घोर लापरवाही है. प्रशासन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के एसई अशोक तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि उनकी ओर से पदीय दायित्व का निर्वाह गंभीरतापूर्वक क्यों नहीं किया गया, जिस कारण मुख्यमंत्री की जनसभा कार्यक्रम में अवांछित बाधा उत्पन्न हुई.
मुख्यमंत्री गहलोत हुए थे नाराज : महंगाई राहत कैंप और प्रशासन शहरों के संग शिविर में उपस्थित लाभार्थियों को संबोधन करने के लिए गत माह सीएम अशोक गहलोत अजमेर आए थे. विजय लक्ष्मी पार्क में जनसभा के दौरान जब सीएम अशोक गहलोत का संबोधन शुरू हुआ तो माइक खराब हो गया. गहलोत को दूसरा माइक दिया गया तो जनसभा स्थल के कुछ हिस्से में ही उनकी आवाज आ रही थी. सीएम का भाषण खत्म होने से 5 मिनट पहले माइक ठीक हुआ. माइक खराबी को लेकर सीएम ने तत्कालीन कलेक्टर अंशदीप से नाराजगी भी जाहिर की थी. जिला प्रशासन ने इस कृत्य को गंभीर माना है.