अजमेर. कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में विभिन्न धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई. पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप भी बैठक में उपस्थित थे. बैठक के दौरान आगामी दिनों में विभिन्न धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई.
जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने कहा कि धार्मिक स्थलों में कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न गतिविधियों (जैसे- पूजा-अर्चना, इबादत और जियारत) की अनुमति दी जाएगी. इस संबंध में सरकार की ओर से जारी की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया की पालना सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि समस्त धर्मो के रीति रिवाज एवं परंपराएं अलग-अलग होती है. इनका निर्वहन करने के साथ-साथ कोरोना के प्रसार को रोकना भी सामूहिक जिम्मेदारी है.
जिला कलेक्टर ने बताया कि धार्मिक स्थलों की परंपराओं के अनुसार उन्हें खोलने और प्रबंधन के लिए अलग-अलग कार्य योजना होगी. संबंधित संस्था द्वारा स्थानीय संसाधनों और आने-वाले श्रद्धालुओं की संख्या के अनुरूप कार्य योजना बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि मंदिर और मस्जिद में सीमित संख्या में लोगों के प्रवेश की अनुमति होगी. मास्क पहनने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी होगी. सैनिटाइजर, हाथ धोने और थर्मल स्कीनिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी. 65 साल से अधिक आयु, 10 साल से कम आयु और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर रोक होगी. प्रसाद और माला ले जाने पर भी रोक होगी. धर्मग्रंथ और घंटी को हाथ लगाने पर रोक होगी.