अजमेर. भगवान विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अजमेर में सदियों सुप्रसिद्ध माता वैभव लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र रहा है. दीपावली के दिन वैभव लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाने का विशेष महत्व है.
अजमेर में आगरा गेट स्थित माता वैभव लक्ष्मी के प्राचीन मंदिर से अजमेर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इनमें महिलाएं और कई व्यापारी माता वैभव लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं ताकि उनका जीवन समृद्ध और खुशहाल बना रहे. माता लक्ष्मी का यह प्राचीन मंदिर मराठा कालीन है. अजमेर में मराठों के शासन के वक्त माता वैभव लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण करवाया गया था.
सदियों से है खीर का भोग लगाने की परंपरा
मंदिर के पुजारी प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि सदियों से दीपावली के दिन माता वैभव लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की परंपरा रही है. श्रद्धालु दीपावली के दिन सुबह 4 बजे से मंदिर पहुंचना शुरू कर देते हैं. मंदिर में दीया जलाने के साथ ही माता को कमल का पुष्प अर्पित किया जाता है. ऐसा करने से माता वैभव लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
5 दिन माता का नयनाभिराम श्रृंगार
प्रकाश चंद ने बताया कि माता वैभव लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कई लोग शुक्रवार को व्रत भी करते हैं. उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर धनतेरस से लेकर भाईदूज तक मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाता है. इन 5 दिनों में माता का हर दिन नयनाभिराम श्रृंगार किया जाता है.