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Makar Sankranti in Pushkar : धर्मराज के दर्शन के लिए भक्तों का तांता, दीपक जलाने और राई अर्पित करने की है परंपरा - ETV Bharat Rajasthan news

मकर संक्रांति के अवसर पर धर्म नगरी पुष्कर में भक्तों का तांता लगा (Makar Sankranti in Pushkar) है. श्रद्धालुओं ने प्राचीन वराह मंदिर में धर्मराज के दर्शन कर दीपक जलाया और एक कटोरी राई अर्पित की.

पुष्कर में धर्मराज के दर्शन के लिए भक्तों का तांता
पुष्कर में धर्मराज के दर्शन के लिए भक्तों का तांता

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Published : Jan 14, 2023, 4:57 PM IST

धर्मराज के दर्शन के लिए भक्तों का तांता

अजमेर. पुष्कर के प्राचीन वराह मंदिर परिसर में मकर संक्रांति के पर्व पर धर्मराज के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी है. मान्यता अनुसार कई महिलाएं अपने व्रत और कथा की पूर्णावती (उजमना) करने पंहुची तो कई महिलाओं ने कथा और व्रत का संकल्प लिया. श्रद्धालुओं ने धर्मराज की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाकर एक कटोरी राई अर्पित की.

मकर संक्रांति के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर आ रहे हैं. इमली मोहल्ले के प्राचीन वराह मंदिर में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है. धर्मराज और शनि सूर्यनारायण के पुत्र हैं. 900 वर्ष पुराने वराह मंदिर में 250 वर्षों से मकर संक्रांति पर धर्मराज की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि धर्मराज के पास हर प्राणी के पाप और पुण्य का लेखा जोखा रहता है. मरने के बाद प्राणी को अपने कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग और नर्क में स्थान मिलता है.

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दीपक जलाने और राई चढ़ाने का महत्व :धर्मराज की प्रतिमा पर दीपक जलाने और राई चढ़ाने का महत्व हमेशा से रहा है. ऐसा माना जाता है कि धर्मराज राई के बराबर पाप और पुण्य का भी हिसाब रखते हैं. इसी कारण लोग राई अर्पित करके धर्मराज से पापों को क्षमा करने की प्रार्थना करते हैं. हालांकि हर पूर्णिमा पर धर्मराज की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाकर श्रद्धालु एक कटोरी राई अर्पित करते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर इसका विशेष महत्व होता है. मंदिर के पुजारी आशीष पाराशर बताते हैं कि इस दिन श्रद्धालु धर्मराज को दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तु भी अर्पित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये वस्तुएं पूर्वजों को प्राप्त होती हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है.

संकल्प और पूर्णावती :धर्मराज के दर्शन और पूजन के बाद महिलाएं धर्मराज की हर माह कथा करवाने और व्रत का संकल्प लेती हैं. कई महिलाएं कथा और व्रत का संकल्प पूरा होने पर (उजमना) पूर्णावती करती हैं. श्रद्धालु भी धर्मराज के दर्शन और पूजन के लिए मकर संक्रांति पर मंदिर जरूर आते हैं. यहां भगवान विष्णु के वराह अवतार के दर्शन प्राप्त होते हैं.

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